चौखुटिया/आंदोलन–11वें दिन भी जारी आमरण अनशन, पुलिस की सख्ती के बावजूद नहीं डिगे अनशनकारी…

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चौखुटिया(अल्मोड़ा)–चौखुटिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति और चिकित्सा संसाधनों की उपलब्धता की मांग को लेकर शुरू हुआ जनआंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। दो अक्टूबर से जारी यह आंदोलन रविवार को 11वें दिन भी पूरी ताकत से जारी रहा। प्रशासनिक दबाव, स्वास्थ्य संकट और पुलिस हस्तक्षेप के बावजूद अनशनकारियों का जज्बा कमजोर नहीं पड़ा है।

 

 

स्वास्थ्य बिगड़ने पर दो और अनशनकारी अस्पताल में भर्ती

 

रविवार को आमरण अनशन पर बैठे भोपाल सिंह बोरा की तबीयत बिगड़ने पर पुलिस ने जबरन उन्हें अनशन स्थल से उठाकर अस्पताल में भर्ती कराया। देर शाम कैलाश पालीवाल की हालत भी नाजुक हो गई, जिन्हें उपचार के लिए ले जाया गया। इससे पहले आंदोलन की शुरुआत करने वाले पूर्व सैनिक भुवन कठायत को भी गंभीर स्थिति में हल्द्वानी रेफर किया गया था।

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अब तक चार अनशनकारियों को उठाया जा चुका है, लेकिन हर बार उनकी जगह नए चेहरे आंदोलन में शामिल हो रहे हैं, जिससे विरोध की आग और तेज होती जा रही है। रविवार तक छह लोग आमरण अनशन पर डटे हुए थे।

 

पुलिस से टकराव, जनता का विरोध

 

शनिवार देर रात जब पुलिस की टीम अनशनकारियों को हटाने पहुंची, तो प्रदर्शनकारियों ने कड़ा विरोध किया। भारी नारेबाजी और भीड़ के दबाव के चलते पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा। रविवार सुबह दोबारा पुलिस पहुंची और स्वास्थ्य कारणों से एक अनशनकारी को हटाया गया, लेकिन आंदोलन स्थल पर तनाव बना रहा।

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गगाजल लेकर ली शपथ, सरकार को याद दिलाए वादे

 

रविवार को रामगंगा आरती घाट पर सैकड़ों स्थानीय लोग एकत्रित हुए। यहां गंगाजल आचमन कर प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में की गई घोषणाओं को याद दिलाया और मांग की कि सीएचसी चौखुटिया में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती, उपकरण और सुविधाएं तुरंत उपलब्ध कराई जाएं।

 

लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लिया, तो आंदोलन को राज्यव्यापी रूप दिया जाएगा।

 

जनता की चेतावनी, आंदोलन नहीं होगा थमेगा

 

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सरकार ने लंबे समय से केवल आश्वासन दिए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं हुआ। “स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधा के लिए हमें आमरण अनशन करना पड़ेगा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है,” एक प्रदर्शनकारी ने कहा।

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प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है। वहीं आंदोलनकारियों का कहना है कि वे **मांगें पूरी होने तक पीछे नहीं हटेंगे।

 

 

 

यह केवल स्वास्थ्य का नहीं, सम्मान और अधिकार का संघर्ष बन चुका है। चौखुटिया की जनता अब निर्णय की घड़ी का इंतजार कर रही है — सरकार की अगली चाल क्या होगी, इस पर पूरे उत्तराखंड की नजरें टिकी हैं।

 

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