बिग ब्रेकिंग–राज्य में जल संरक्षण को मिलेगी नई दिशा: SARRA की SLEC बैठक में 8 नई योजनाएं स्वीकृत, “वन डिस्ट्रिक्ट, वन रिवर” पर फोकस…

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देहरादून। जल संरक्षण और नदी पुनर्जीवन के क्षेत्र में उत्तराखंड एक नई राह पर अग्रसर है। सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में बुधवार को राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति (SLEC) की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता सचिव जलागम एवं SARRA के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री दिलीप जावलकर ने की।

 

बैठक में राज्यभर से जल संरक्षण और नदी पुनर्जीवन से संबंधित कार्यों की समीक्षा की गई। इस दौरान कुल ₹2,468.55 लाख की लागत वाली आठ नई कार्ययोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई, जिनमें से ₹1,861.16 लाख की धनराशि स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी (SARRA) द्वारा वहन की जाएगी। इन योजनाओं में पौड़ी, नैनीताल, चंपावत और पिथौरागढ़ जनपद की प्रमुख योजनाएं शामिल हैं।

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“वन डिस्ट्रिक्ट, वन रिवर” की अवधारणा पर कार्ययोजनाएं तैयार करने के निर्देश

 

श्री जावलकर ने सभी जनपदों को “वन डिस्ट्रिक्ट, वन रिवर” की परिकल्पना पर आधारित कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में प्रमुख नदी या जल स्रोत को चिन्हित कर उस पर केंद्रित संरक्षण कार्य हो, जिससे सतत जल आपूर्ति और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखा जा सके।

 

उन्होंने जनपदीय स्तर पर SARRA समितियों की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करने और प्रस्तावों को आगामी राज्य स्तरीय बैठक में प्रस्तुत करने को कहा। साथ ही स्थानीय समुदाय की भागीदारी पर विशेष बल देते हुए ग्राम पंचायत स्तर पर “धारा-नौला संरक्षण समितियाँ” गठित करने के निर्देश दिए, जो स्थानीय निगरानी में सहायक होंगी।

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पारंपरिक जल स्रोतों का संरक्षण और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा

 

सचिव जावलकर ने पारंपरिक धारों और नौलों की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्ता को रेखांकित करते हुए उनके पुनर्जीवीकरण को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के लिए “पैराहाइड्रोलॉजिस्टों” की तैनाती करने के निर्देश दिए।

 

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जल संरक्षण कार्यों में ईको-फ्रेंडली संरचनाओं का उपयोग अनिवार्य किया जाए। RCC चेक डैमों की वर्षा के बाद स्थिति का मूल्यांकन करने और विभिन्न विभागों, तकनीकी संस्थानों, जनप्रतिनिधियों एवं आमजन को प्रशिक्षण व कार्यशालाओं से जोड़ने के निर्देश भी दिए।

 

योजनाओं का विस्तृत प्रस्तुतिकरण

 

बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कहकशां नसीम द्वारा एक करोड़ से अधिक लागत की आठ प्रस्तावित योजनाओं का विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया गया। इन योजनाओं में पौड़ी जिले की तीन, नैनीताल की दो, चंपावत की एक और पिथौरागढ़ जिले की दो योजनाएं शामिल हैं।

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बैठक में SARRA की राज्य स्तरीय टीम के साथ-साथ विभिन्न विभागों — जलागम, वन, सिंचाई, लघु सिंचाई, कृषि, ग्राम विकास तथा केंद्रीय भूजल बोर्ड, NIH, IIT रुड़की और विभिन्न जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी व एनजीओ प्रतिनिधियों की सहभागिता रही।

 

 

जल संरक्षण के क्षेत्र में यह बैठक राज्य के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है, जो न केवल जल संसाधनों के संरक्षण बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पारंपरिक धरोहरों के पुनर्जीवन की दिशा में एक बड़ा कदम है।

 

 

 

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