बिग ब्रेकिंग–धामी सरकार ने केंद्र से मांगा साढ़े पांच हजार करोड़ से अधिक का आर्थिक पैकेज, आपदा प्रबंधन विभाग ने गृह मंत्रालय को भेजा ज्ञापन…

खबर शेयर करें -

 

 

 

 

देहरादून। आपदा प्रबंधन विभाग ने इस वर्ष मानसून के दौरान हुई क्षति की प्रतिपूर्ति तथा भविष्य में अवस्थापना संरचनाओं को संभावित नुकसान से बचाने के लिए भारत सरकार से 5702.15 करोड़ रुपये की विशेष सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया है। इस संबंध में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने अपर सचिव, आपदा प्रबंधन प्रभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार को विस्तृत ज्ञापन भेजा है।

 

 

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि इस वर्ष प्राकृतिक आपदा से लोक निर्माण विभाग तथा सार्वजनिक सड़कों को लगभग रू0 1163.84 करोड़, सिंचाई विभाग की परिसम्पत्तियों को लगभग रू0 266.65 करोड़, ऊर्जा विभाग को रू0 123.17 करोड़, स्वास्थ्य विभाग की

यह भी पढ़ें:  बड़ी खबर–FACEBOOK, YOUTUBE और INSTAGRAM चलाने वालों हो जाओ सावधान, सरकार ने 26 सोशल मीडिया साइट में लगाया प्रतिबंध, लोग परेशान, देखिए लिस्ट..

 

 

परिसम्पत्तियों को लगभग रू0 4.57 करोड़, विद्यालयी शिक्षा विभाग की परिसम्पत्तियों को 68.28 करोड़, उच्च शिक्षा विभाग की परिसम्पत्तियों को रू0 9.04 करोड़, मत्स्य विभाग को 2.55 करोड़, ग्राम्य विकास विभाग को 65.50 करोड़, शहरी विकास को 04 करोड़, पशुपालन विभाग को 23.06 तथा अन्य विभागीय परिसम्पत्तियों को 213.46 करोड़ तथा इस प्रकार सभी राजकीय विभागों को कुल लगभग रू0 1944.15 करोड़ की सीधे तौर पर क्षति हुई है।

 

 

इन परिसम्पत्तियों के पुनर्निर्माण तथा पुनर्प्राप्ति में उपरोक्त धनराशि रू0 1944.15 करोड़ के साथ-साथ परिसम्पत्तियों को बचाने तथा अनेक ऐसी परिसम्पत्तियां, मार्ग, आबादी वाले क्षेत्र तथा अन्य अवस्थापना संरचानाओं को जो आपदा से क्षतिग्रस्त होने की कगार पर हैं, को स्थिर करने के लिये रू0 3758.00 करोड़ की सहायता प्रदान किए जाने का अनुरोध किया गया है।

यह भी पढ़ें:  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ नागरिकों दिव्यांगजनों से किया संवाद, प्रदेश के सभी जनपदों में एक-एक वृद्धाश्रम की जायेगी व्यवस्था...

 

 

इस प्रकार वर्ष 2025 में हुई आपदा से क्षति के लिये उत्तराखण्ड राज्य को कुल रू0 5702.15 करोड़ की धनराशि की मांग की गई है, ताकि इस धनराशि से आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों की मरम्मत/पुनर्प्राप्ति/पुनर्निर्माण कराया जा सके तथा आपदा से क्षतिग्रस्त होने वाली अवस्थापना संरचनाओं/सार्वजनिक परिसम्पत्तियों/ मार्गों/आबादी वाले क्षेत्रों की सुरक्षा आदि हेतु कार्य कराया जा सके तथा उत्तराखण्ड को आपदा के प्रभाव को न्यूनतम रखा जा सके तथा बहुत बड़ी क्षति से बचा जा सके।

यह भी पढ़ें:  बिग ब्रेकिंग–बॉन्ड न मिलने पर दो साल चलाकर बन्द की पॉलिसी होल्डर को साइबर ठगों ने बनाया निशाना, सेटलमेंट का झांसा देकर कर दी लाखों रुपए की साइबर ठगी...

 

 

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास ने बताया कि प्राकृतिक आपदा से वर्ष 2025 में 01 अप्रैल, 2025 से 31 अगस्त, 2025 के मध्य कुल 79 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, 115 लोग घायल हुए हैं तथा 90 लोग लापता हैं। कुल 3953 छोटे तथा बड़े पशुओं की मृत्यु हुई है।

 

 

कुल 238 पक्के भवन ध्वस्त हुए हैं, 02 कच्चे भवन ध्वस्त हुए हैं, 2835 पक्के भवन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं तथा 402 कच्चे भवन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त बहुत बड़ी मात्रा में व्यवसायिक भवन, दुकानें/होटल/होमस्टे, रेस्टोरेंट तथा अन्य संरचनायें क्षतिग्रस्त हुई हैं।

 

 

 

Ad Ad Ad