बड़ी खबर उत्तराखंड–उत्तराखंड समान नागरिक संहिता में खास प्रावधान जानने को पढ़िए यह विशेष खबर…

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हाल ही में एमपी में दिए गए प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद समान नागरिक संहिता पर बहस तेज हो गई है। लिव-इन में रहने और महिलाओं की विवाह योग्य उम्र बढ़ाने पर मजबूत सिफारिशों के साथ उत्तराखंड सरकार के पांच सदस्यीय पैनल ने सूबे के समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार कर लिया गया है।

उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने पिछले साल इस पैनल का गठन किया था। समिति की प्रमुख सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति रंजना देसाई ने नई दिल्ली में मसौदे के पूरा होने की घोषणा की।

न्यायमूर्ति रंजना देसाई ने कहा–समिति ने उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में प्रचलित विभिन्न प्रथाओं की बारीकियों को समझने की कोशिश की है। हमारा जोर महिलाओं, बच्चों और विकलांग व्यक्तियों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक समानता सुनिश्चित करने पर है। हमारी समिति की रिपोर्ट मसौदा संहिता के साथ जल्द ही प्रिंट की जाएगी। इसके बाद इसे राज्य सरकार को सौंप दिया जाएगा। 

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जस्टिस देसाई ने कहा कि यूनिफार्म सिविल कोड का मसौदा चुनिंदा देशों में वैधानिक ढांचे समेत विभिन्न कानूनों और नियमों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसमें सभी प्रकार की राय को ध्यान में रखा गया है। हमने मनमानी और भेदभाव को खत्म करके सभी को एक समान स्तर पर लाने की कोशिश की है।

पैनल ने पारिवारिक कानूनों और कानून आयोग की संबंधित रिपोर्टों पर दुनिया के दूसरे मुल्कों में अपनाई जाने वाली प्रथाओं का अध्ययन किया। यदि इस मसौदे को लागू किया जाता है, तो यह भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को और भी मजबूती प्रदान करेगा।

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समान नागरिक संहिता (UCC) ड्राफ्ट में क्या शामिल है इस बारे में पैनल के एक अन्य सदस्य ने बताया- मसौदे में शामिल बिंदुओं में महिलाओं के लिए विवाह योग्य उम्र बढ़ाने और लिव-इन रिलेशनशिप से संबंधित बिंदु शामिल हैं।

माना जाता है कि समिति ने बहुविवाह और बहुपति प्रथा (जो पहाड़ों में चुनिंदा इलाकों में प्रचलित है) के मुद्दे पर भी चर्चा की है। महिलाओं की विवाह योग्य आयु बढ़ाने के प्रस्ताव के बारे में जानकारी देते हुए सूत्र ने बताया कि इसका मकसद महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए सभी धर्मों और आस्थाओं में एकरूपता लाना है। 

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मालूम हो कि मई 2022 में पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद इस समिति का गठन किया गया था। यूसीसी को लागू करना धामी के चुनावी वादों में से एक था।

शुक्रवार के घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए धामी ने कहा- जैसा कि वादा किया गया था, यूसीसी मसौदा तैयार करने के लिए गठित पैनल ने अपना काम पूरा कर लिया है। जल्द ही उत्तराखंड में यूसीसी लागू किया जाएगा। इसके लागू होते ही उत्तराखंड आजादी के बाद ऐसा कोड रखने वाला पहला राज्य होगा।

पैनल को 2.3 लाख लिखित प्रस्तुतियां प्राप्त हुईं हैं। इसकी उप समिति ने इस मसले पर 20,000 से अधिक लोगों के साथ बातचीत की है।