हेलिकॉप्टर की हाइवे पर इमरजेंसी लैंडिंग: केदारनाथ धाम के लिए भरी थी उड़ान, सूझबूझ से बची यात्रियों की जान

खबर शेयर करें -

रुद्रप्रयाग जनपद के बडासू क्षेत्र में केदारनाथ के लिए जा रहा एक हेलिकॉप्टर तकनीकी खराबी के चलते अचानक सड़क पर लैंड हुआ। हेलिकॉप्टर श्रद्धालुओं को लेकर केदारनाथ धाम की ओर जा रहा था, लेकिन रास्ते में आपात स्थिति के कारण पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए हेलीकॉप्टर को

 

 

स्थानीय प्रशासन और पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई और यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया। क्रिस्टल एविएशन कंपनी का हेली बताया जा रहा है। हेलिकॉप्टर ने बड़ासु हेलीपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भरी थी और टेकऑफ होते ही इमरजेंसी लैंडिंग सड़क पर करनी पड़ी। हेलिकॉप्टर में पांच यात्री, पायलट और सह पायलट सवार थे। सह पायलट को हल्की चोट की सूचना है।

यह भी पढ़ें:  विधायक डॉ०मोहन सिंह बिष्ट ने लालकुआँ क्षेत्र में महत्वपूर्ण और जनहित से जुड़ी समस्याओं को लेकर सीएम धामी को लिखा पत्र

 

सीईओ यूकाडा सोनिका ने जानकारी दी कि क्रिस्टल एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के हेलिकॉप्टर ने यात्रियों को लेकर सिरसी से उड़ान भरते समय हेलीपैड के अलावा सड़क पर एहतियातन लैंडिंग की।किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। डीजीसीए को सूचित कर दिया गया है बाकी शटर ऑपरेशन तय कार्यक्रम के अनुसार सामान्य चल रहे हैं।

यह भी पढ़ें:  बिग ब्रेकिंग–IPS रचिता जुयाल आई एक बार फिर से चर्चा में, इस्तीफे के बीच मिली हरिद्वार भूमि घोटाले के जांच की बड़ी जिम्मेदारी....

 

 

 

पिछले महीने भी केदारनाथ धाम में लैंडिंग के समय हेली एम्बुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हेली एंबुलेंस ऋषिकेश एम्स का था, जोकि ऋषिकेश से केदारनाथ जा रहा था। वहीं बीते आठ मई को ही गंगोत्री धाम जा रहा एक हेलिकॉप्टर गंगनानी के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस घटना में पांच महिलाओं समेत छह लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

यह भी पढ़ें:  इस दिन से जनता के लिए खुलेगा राष्ट्रपति निकेतन, द्रौपदी मुर्मू के जन्मदिन से है कनेक्शन

 

 

एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था। गंगनानी का हेलिकॉप्टर हादसा बहुत भयावह था। वहां पर खोज-बचाव अभियान चला रहे अधिकारी कर्मचारियों ने बताया कि घटना में हेलिकॉप्टर के भी दो टुकड़े हो गए थे। वहीं दो शव हेलिकॉप्टर में ही फंस गए थे। उन्हें निकालने के लिए हेली को काटना पड़ा था। वहीं करीब 200 मीटर गहरी खाई में रेस्क्यू अभियान चलाना बहुत मुश्किल था।