बिग ब्रेकिंग उत्तराखंड–जमीन घोटाले में बड़ा खुलासा, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरम्वाल और हरेन्द्र कुंजवाल सहित 7 पर धोखाधड़ी का मुकदमा…

खबर शेयर करें -

 

 

हल्द्वानी: उत्तराखंड के हल्द्वानी क्षेत्र में 13 साल पुराने एक जमीन घोटाले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरम्वाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के बेटे हरेन्द्र कुंजवाल समेत सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी (IPC धारा 420) के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

 

यह कार्रवाई काठगोदाम थाना पुलिस द्वारा आईजी कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल के निर्देश पर की गई। मामला गौलापार क्षेत्र के देवला तल्ला और पजाया गांव की सरकारी भूमि से जुड़ा हुआ है, जिसकी अवैध खरीद-फरोख्त का आरोप सामने आया है।

यह भी पढ़ें:  बिग ब्रेकिंग–उत्तराखंड में आईएएस अफसरों के बम्पर तबादले, कई जिलों में नयी तैनाती...

 

शिकायत के बाद शुरू हुई जांच

 

गौलापार के बसंतपुर, किशनपुर निवासी रविशंकर जोशी ने अगस्त 2025 में आईजी को शिकायत पत्र भेजा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपितों ने जानबूझकर सरकारी भूमि को खरीदा, जिससे राजकोष को नुकसान हुआ।

 

इसके बाद मामले की जांच कमिश्नर की अध्यक्षता वाली लैंड फ्रॉड जांच समिति को सौंपी गई। जांच में आरोपियों की संलिप्तता पाई गई, जिसके आधार पर अब मुकदमा दर्ज किया गया है।

यह भी पढ़ें:  हल्द्वानी–मिलावटखोरों पर FDA का शिकंजा, दो क्विंटल लावारिस मिठाई जब्त...

 

पक्षों की सफाई भी सामने आई

 

मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरम्वाल ने कहा,

 

> “हमने कानूनी प्रक्रिया के तहत रजिस्ट्री कराई है। मामला न्यायालय में विचाराधीन है और हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे। हमें इस मुकदमे की कोई जानकारी नहीं थी।”

 

वहीं, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने अपने बेटे का पक्ष रखते हुए कहा,

 

> “हरेन्द्र कुंजवाल ने जमीन वैध तरीके से खरीदी है। दाखिल-खारिज भी उनके नाम हुआ है। यदि किसी तरह की गड़बड़ी हुई है, तो जांच जमीन बेचने वाले की जिम्मेदारी तय करे।”

यह भी पढ़ें:  चौखुटिया/आंदोलन–11वें दिन भी जारी आमरण अनशन, पुलिस की सख्ती के बावजूद नहीं डिगे अनशनकारी...

 

अब आगे क्या?

 

पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज करने के बाद अब पूरे मामले की विस्तृत जांच शुरू हो गई है। अगर आरोप सिद्ध होते हैं, तो आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। फिलहाल यह मामला न्यायालय में है, और सभी पक्ष अब कानूनी प्रक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।

 

 

Ad Ad Ad