बिग ब्रेकिंग–प्रदेश में भू–कानून को लेकर धामी सरकार लेने वाली हैं एक्शन, इन लोगों की जमीनें होंगी जब्त…

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में सख्त भू-कानून लागू होने से पहले उल्लंघन के 750 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। ये सभी जमीनें सरकार में निहित की जाएंगी। उन्होंने निवेशकों का आह्वान किया कि उत्तराखंड में निवेश के लिए हमेशा दरवाजे खुले हैं।

सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सख्त भू-कानून को लेकर सभी जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी अभी लोगों से सुझाव ले रहे हैं।

इसके बाद प्रदेश में सख्त भू-कानून लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार यह भू-कानून उनके लिए लाने जा रही है, जिन्होंने जमीनों की अंधाधुंध खरीद-फरोख्त की है और कानून का दुरुपयोग कर लैंड बैंक तैयार कर लिया है।

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ऐसे तमाम मामले सामने आए हैं जिनमें तय प्रयोजन के लिए जमीनों का उपयोग नहीं किया गया। इन मामलों में भी जमीनें सरकार में निहित करने की प्रक्रिया चल रही है। उत्तराखंड में निवेश आना जरूरी उन्होंने कहा कि पिछले साल इनवेस्टर समिट में 3.54 हजार करोड़ के एमओयू हुए थे।

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उत्तराखंड में निवेश आना जरूरी है, ताकि रोजगार का सृजन हो सके और उत्तराखंड विकास की तरफ तेजी से बढ़ सके। हमारे जितने प्राकृतिक संसाधन हैं, उनका सदुपयोग करना है, दोहन नहीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ की धरती से जो शब्द कहे थे आज उन्हें धरातल पर उतरा जा रहा है।

इसके साथ ही राज्य सरकार ने एक नई शुरुआत की है। सरकार विदेशों में रह रहे उत्तराखंड के प्रवासियों का 12 जनवरी को सम्मेलन आयोजित करने जा रही है। उन्होंने प्रवासियों से उत्तराखंड के विकास में भागीदारी का आह्वान किया है।

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प्रयासों को मिली पहचान, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास के प्रयासों से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। नीति आयोग के राज्य के सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में देश में प्रथम स्थान मिला है।

राज्य में बेरोजगारी दर को 4.4 प्रतिशत तक कम करने में हम सफल हुए हैं। हम निवेश को आकर्षित करने में देश के अग्रणीय राज्यों में हैं और हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान पर हैं।