हल्द्वानी– राजकीय मेडिकल कॉलेज के टीवी एवं श्वास रोग विभाग में मनाया गया विश्व अस्थमा दिवस, आयोजित की गई कार्यशाला…
उत्तराखण्ड/हल्द्वानी–मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस के अवसर पर राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के टी0बी0 एवं श्वास रोग विभाग द्वारा मेडिकल कॉलेज परिसर के लेक्चर थियेटर में एक कार्यशाला आयोजित की गयी, जिसमें मुख्य वक्ता डॉ0 राजीव गर्ग, (प्रोफेसर, रेस्पीरेट्री मेडिसिन विभाग), किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ, द्वारा विश्व अस्थमा दिवस की थीम ‘‘अस्थमा केयर फॉर ऑल’’ की जांच एवं उपचार विषय पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी।
डॉ0 राजीव गर्ग द्वारा ‘‘अस्थमा केयर फॉर ऑल’’ के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि विश्व अस्थमा दिवस प्रति वर्ष मई माह के पहले मंगलवार को मनाया जाता है, इसका उद्देश्य अस्थमा बीमारी की जानकारी देना व जागरूकता फैलाना है। डा0 गर्ग ने कहा कि विश्व अस्थमा दिवस का आयोजन ग्लोबल इर्नििशएटिव फॉर अस्थमा (GINA) द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है। सन् 1998 में बार्सिलोना, स्पेन में पहली विश्व अस्थमा बैठक में 35 से अधिक देशों द्वारा पहला विश्व अस्थमा दिवस मनाया गया था।
अस्थमा एक तरह की आनुवांशिक बीमारी है जिसमें सांस की नलियां अति सवेंदनशील हो जाती है और विभिन्न प्रकार के कारकों जो की सामान्य जीवन व वातावरण में उपलब्ध हैं के संपर्क में आने से सांस की नलियां सूज जाती हैं और सांस लेने में अवरोध उत्पन्न करती है, इसमें व्यक्ति को घरघराहट, खांसी व सांस लेने में तकलीफ का अनुभव होता है। अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति को आमतौर पर सुबह जल्दी या रात में अनुभव होता है। अस्थमा के दौरे के दौरान, वायुमार्ग के आसपास की मांसपेशियां कस जाती हैं जिससे व्यास कम हो जाता है और हवा का प्रवाह कम हो जाता है।
धूल (घर या बाहर की) या पेपर की डस्ट, रसोई का धुआं नमी, सीलन, मौसम परिवर्तन, सर्दी-ंजुकाम, धूम्रपान, फास्टफूड, मानसिक चिंता, व्यायाम, पालतू जानवर एवं पेड पौधों एवं फूलों के परागकण तथा वायरस एवं बैक्टीरिया के संक्रमण आदि अस्थमा के मुख्य कारक हैं।
जुकाम से बचाव करें, बताए गए अनुसार अस्थमा की दवाएं लें, अपनी अस्थमा कार्य योजना का पालन करें। अस्थमा के मरीजों को अन्य सांस के रोगों से बचाव के लिए एक बार न्यूमोकोकल व प्रतिवर्ष इन्फ्लुएंजा के वैक्सीन जरूर लगवाना चाहिए। डा0 राजीव गर्ग ने बताया कि अस्थमा के मरीजों के बीच में कई प्रकार की भ्रांतिया हैं जिसमें कोविड-19 को लेकर भी है और इसके लिए वो कोविड-.19 का टीका लगवाने से बचते हैं जबकि यह स्पष्ट है कि अस्थमा के मरीजों में भी कोरोना भी वैसे ही असर करता है जैसे सामान्य व्यक्ति में, इसलिए कोरोना का टीका सुरक्षित भी है और असरदार भी है।
साथ में अस्थमा में लेने वाली दवाएं कोरोना बीमारी से बचाव भी करती हैं।कार्यशाला में डॉ0 अरूण जोशी, प्राचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज, डॉ0 राम गोपाल नौटियाल, विभागाध्यक्ष टी0बी0 एवं श्वास रोग विभाग, डा0 के0सी0 पांडे, डा0 परमजीत सिंह, डॉ0 हरि शंकर पाण्डेय, डा0 पंकज वर्मा, डा0 रवि कुमार शर्मा, नागेन्द्र प्रसाद जोशी समेत रेजीडेण्ट चिकित्सक, पी0जी0 व एम0बी0बी0एस0 के छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे।