आत्महत्या मामले में हंगामा, पटवारी का नाम आने पर मचा बवाल, ग्रामीणों ने शव के साथ किया कोतवाली घेराव, मुकदमा दर्ज होने और पूछताछ की वीडियो कॉल दिखाने के बाद माने…

लालकुआं। हल्दुचौड़ के प्रॉपर्टी डीलर एवं समाजसेवी महेश जोशी की संदिग्ध परिस्थितियों में जहर खाने से मौत के बाद क्षेत्र में बवाल मच गया। मृतक की जेब से मिले सुसाइड नोट में पटवारी का नाम दर्ज होने पर सोमवार शाम ग्रामीणों ने शव के साथ लालकुआं कोतवाली पहुंचकर जबरदस्त प्रदर्शन किया। आक्रोशित ग्रामीण आरोपी पटवारी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर करीब तीन घंटे तक डटे रहे।
स्थिति तब शांत हुई जब पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर पटवारी पूजा रानी को हिरासत में लेने की कार्रवाई की और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रामनगर कोतवाली में पूछताछ का दृश्य ग्रामीणों को दिखाया। इसके बाद देर रात जाकर ग्रामीण माने।
जानकारी के अनुसार बबूर गुमटी निवासी महेश जोशी (54) ने गत दिवस लालकुआं तहसील के समीप जहरीला पदार्थ खा लिया था। हालत बिगड़ने पर उन्हें पहले हल्द्वानी और फिर भोजीपुरा के राममूर्ति अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
सोमवार शाम लगभग 5:45 बजे जब परिजन शव लेकर लालकुआं कोतवाली पहुंचे तो लोगों में आक्रोश फैल गया। देखते ही देखते सैकड़ों ग्रामीण जमा हो गए और मृतक को न्याय दिलाने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे।
इस दौरान कोतवाल दिनेश सिंह फर्त्याल और पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोग पटवारी की गिरफ्तारी पर अड़े रहे। बाद में मौके पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी,
एसडीएम रेखा कोहली, तहसीलदार मनीषा बिष्ट, सीओ दीपशिखा अग्रवाल और क्षेत्रीय विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट ने ग्रामीणों को समझाकर स्थिति को काबू में किया। विधायक ने निष्पक्ष जांच की मांग उठाते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
विधायक डॉ मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि आरोपी के खिलाफ पूर्व में भी कई सारी शिकायतें आई थी, तहसील दिवस के दिन एसडीएम से लापरवाही पर उक्त का वेतन रोकने की कार्रवाई को भी कहा गया था, दोषी के खिलाफ जांच कर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
धरना प्रदर्शन में कनिष्ठ प्रमुख कमल भंडारी, ग्राम प्रधान रुक्मणी नेगी, वरिष्ठ समाजसेवी हेमवती नंदन दुर्गापाल, कमलेश चंदोला, इंदर सिंह बिष्ट, भाजपा मंडल अध्यक्ष रोहित विजय दुमका सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
महेश जोशी अपने पीछे दो पुत्र, दो पुत्रियां और भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनकी असामयिक मृत्यु से क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त है, जबकि परिजन व ग्रामीण राजस्व विभाग के जिम्मेदार कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।


