उत्तराखण्ड–हिंसा में रक्षक की आप बीती सुनकर आपके भी खड़े हो जायेंगे रोंगटे, पढ़िए यह खबर…

खबर शेयर करें -

नैनीताल–हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में बवाल के बाद अब पूरे इलाके में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। शासन ने सख्ती बरतते हुए पूरे इलाके में किसी भी अफवाह फैलने से रोकने के लिए कदम उठाया है। वहीं अराजक तत्वों को पकड़ने के लिए पुलिस गलियों की तलाशी ले रही है।

बताते चले की महिला पुलिस कर्मी ने अपनी आप बीती बताते हुए बताया कि जब लोगों ने पत्थर मारने शुरू किए तो सभी आड़ लेने की जगह ढूंढने लगे। पथराव बढ़़ते ही वहां भगदड़ मच गई। तभी एक पत्थर आकर पीठ पर लगा और किसी के धक्के से मैं नीचे गिर गई।

यह भी पढ़ें:  दिल्ली–बिन्दुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने की प्रक्रिया तेज करने के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने दिए निर्देश...

इससे हाथ में नीचे टूटा कांच घुस गया। दर्द से कराहने लगी थी और जैसे ही उठने की कोशिश की, तो लोग मेरे ऊपर से ही कुचलते हुए भागते रहे। तब लगा था आज घर वापस नहीं जा पाऊंगी। यह कहना है घायल पुलिसकर्मी हेमा जोशी का।

31 पीएसी में एसआई हेमा जोशी के हाथ में चोट लगी है। पूछने पर बताया कि हाथ में कांच घुस गया है, जिसका इलाज बेस अस्पताल में करवाया। बातचीत के दौरान भी उनकी आंखों में बीती शाम का खौफनाक मंजर नजर आ रहा था।

कहा कि वह हमेशा की तरह ड्यूटी करने रुद्रपुर से हल्द्वानी अपने साथियों के साथ पहुंची थी। उनको बनभूलपुरा में भेजा गया। यहां महिलाएं विरोध कर रही थी, जिनको रोकने के लिए हम लोग आगे बढ़े। महिलाओं को रोक भी लिया था, लेकिन तभी अचानक पत्थर आने लगे।

यह भी पढ़ें:  दिल्ली–बिन्दुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने की प्रक्रिया तेज करने के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने दिए निर्देश...

देखा तो दूर से युवक और बच्चे पत्थर बरसा रहे थे। पथराव से सभी तितर बितर हो गए तो छिपने की जगह देखते लगे। मगर कहीं जगह नहीं दिखी तो वापस बाहर को निकलने की कोशिश की।इस दौरान धक्के से नीचे गिर गई मगर न तो किसी को वो नीचे गिरी दिखी न कोई मदद को रुका।

हर कोई उनके ऊपर से चढ़कर वहां से निकलता रहा। इस दौरान ऊपर से पत्थर भी पड़ते रहे। किसी तरह वहां से निकलकर खुद को बचा पायी। इस माहौल को बयां करते हुए उनकी आखें भी भीग गई। बताया कि उनका 23 साल का एक बेटा है, जो मुंबई में नौकरी करता है।

यह भी पढ़ें:  दिल्ली–बिन्दुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने की प्रक्रिया तेज करने के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने दिए निर्देश...

जब यह हुआ तो उसका चेहरा आंखों के सामने आ गया था और लगा कि आज वापस लौटकर नहीं जा पाऊंगी। कहा कि इसके बाद भी घर पर कुछ नहीं बताया, लेकिन जैसे की उनको न्यूज मिली, तो सब परेशान हो गए। बेटा फोन करके बार बार हाल पूछ रहा है और घर वाले चिंता में हैं।