उत्तराखंड–माननीय न्यायालय ने साक्ष्यों के आभाव में अधिवक्ता की पैरवी पर 15,00,000/–रूपये के अभियुक्त को किया बाइज्जत बरी…

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नैनीताल/हल्द्वानी–अधिवक्ता की दमदार पैरवी से 15,00,000/- रूपये का अभियुक्त बाइज्जत बरी।

15,00,000/- रूपये के चैक बाउंस के एक मामले में साक्ष्य के आभाव में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हल्द्वानी की कोर्ट ने अभियुक्त को बरी कर दिया।

अभियुक्त की ओर से मामले की पैरवी अधिवक्ता सुश्री सुचित्रा बेलवाल द्वारा की गयी, उनके द्वारा बताया गया कि मात्र चैक होना ही पर्याप्त नहीं है। बल्कि परिवादी को भी अपने मामले को विधिक रूप से साबित किया जाना अनिवार्य है।

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मामला 15,00,000/- रूपये के चैक बाउंस का है। जिसमे उत्तराखंड ट्रान्सपोर्ट एंड सप्लायर्स फर्म के पार्टनर गुरविन्दर सिंह ने ट्रक माल भाड़े के किराये वसूली हेतु अभियुक्त सूरज प्रकाश मैसर्स अनहद ट्रेडर्स के प्रोपराईटर व स्वामी पर 2010 में एक 15 लाख के चैक बाउस का परिवाद हल्द्वानी न्यायालय में दायर किया था।

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परन्तु उपरोक्त मामले में परिवादी द्वारा भाड़े के बिल पेश नहीं किये गये। इसके अतिरिक्त 16,14,643 रूपये की देनदारी में मात्र 15 लाख का बैक चैक लिया गया और शेष रकम के लिए कोई कार्यवाही भी नही की गयी, साथ ही चैक में हस्ताक्षर व अन्य इबारतें भिन्न-२ हस्तलेख व इंक से दर्शित की गयी थी, भागीदार फर्म होने के कारण अभियुक्त की फर्म को भी विधिक पक्षकार नही बनाया गया।

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इस प्रकार कई अन्य तथ्यों, उपलब्ध साक्ष्य तथा अधिवक्ता द्वारा की गयी जिरह के प्रभाव में न्यायालय ने माना कि इससे एन आई एक्ट की धारा 139 में विहित उपधारणा का खण्डन होता है और परिवादी अपना परिवाद साबित करने में असफल रहा है।

न्यायालय ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के कई न्याय निर्णयन का भी हवाला देते हुए अभियुक्त को बाइज्जत बरी कर दिया।