उत्तराखंड–मकान मालिकों के लिए पुलिस एक्ट संशोधन की तैयारी; नए नियम हो जायेंगे सख्त…

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देहरादून– प्रदेश में बाहर से आकर यहां किराएदार व छात्रों के रूप में रहने वालों की पहचान सुनिश्चित की जाएगी। इसकी बड़ी जिम्मेदारी इन्हें अपने किराये पर रखने वाले मकान मालिक की होगी। इसके लिए उत्तराखंड पुलिस एक्ट में संशोधन किया जाएगा। पुलिस मुख्यालय द्वारा इस संबंध में प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है, जिसे जल्द कैबिनेट के सम्मुख लाने की तैयारी है।

उत्तराखंड में पिछले कुछ वर्षों में दूसरे प्रदेशों से लोग आकर बस रहे हैं। इसमें भी एक संप्रदाय विशेष के अधिक लोग हैं। प्रदेश में जनसांख्यिकी बदलाव की आशंका को इनकी लगातार बढ़ रही संख्या बल दे रही है। यह देखने में आया है कि दूसरे प्रदेशों से लोग यहां छात्रों के रूप में पढऩे और मजदूरी व अन्य रोजगार के लिए आते हैं।

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इनमें से कुछ सही व कुछ गलत पहचान देते हैं।छात्र होने की स्थिति में उसकी आइडी, कामकाजी होने वाले की स्थिति में उसके कार्यालय से मिला पहचान पत्र व मजदूरों के संबंध में आधार कार्ड आदि भी जमा कराना होगा। इनके सही पाए जाने का शपथ पत्र भी वे देंगे।

सूत्रों की मानें तो इस प्रस्ताव पर शासन में मंथन हो चुका है अब इसे स्वीकृति के लिए कैबिनेट के सम्मुख लाया जाएगा।अवांछित तत्व व अपराधी यहां गलत तरीके से न रह सकें, इसके लिए अब पुलिस एक्ट में संशोधन की तैयारी चल रही है। इसमें कामकाजी किरायेदार व छात्रों को परिभाषित किया जाएगा। इसके साथ ही मकान मालिकों व व्यवसायियों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।

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अभी पुलिस एक्ट की धारा 53 (3) में व्यवस्था है कि मकान मालिक व व्यवसायी अपने यहां रहने वाले किरायेदारों व मजदूरों के संबंध में एक तय फार्मेट बनाकर पुलिस को देते हैं, जो सत्यापन का आधार बनता है। शपथ पत्र देना होगा

अब व्यवस्था यह की जा रही है कि मकान मालिकों व व्यवसायियों को अपने यहां रहने वाले व काम करने वालों के संबंध में शपथ पत्र देना होगा। इसके साथ ही उनके दस्तावेज भी जमा कराने होंगे। किरायेदार के रूप में आसानी से शरण लेते हैं आपराधिक किस्म के लोगमकान मालिक भी इन्हें किराये पर रखते हुए बहुत अधिक ध्यान नहीं देते। ऐसे में कई बार गलत प्रवृत्ति वाले लोग भी छात्रों के रूप में हास्टल व कालेजों के आसपास रहने लगते हैं।

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वहीं, आपराधिक किस्म के लोग भी किरायेदार के रूप में आसानी से कहीं शरण लेने लगते हैं। खुफिया एजेंसियों की जांच में भी यह बात सामने आई है कि उत्तराखंड अब उत्तर प्रदेश व आसपास के राज्यों के अपराधियों के लिए एक सुरक्षित शराणस्थली बन रहा है।