उत्तराखण्ड–चौबीस घंटे से ताल में डूबे छात्र की तलाश जारी, मौके एसडीआरएफ, सीओ भवाली और तहसीलदार धारी..

खबर शेयर करें -

भीमताल/हल्द्वानी–भीमताल के चाफी स्थित परी ताल में डूबे हल्द्वानी के मुखानी स्थित अंबा बिहार निवासी 17 वर्षीय छात्र चिन्मय जिसका 24 घंटे बीत जाने के बाद भी कुछ पता नहीं लग सका है।

थाना मुक्तेश्वर, तहसील धारी के साथ ही एसडीआरएफ की टीम परी ताल में छात्र की खोजबीन में जुटी है। लेकिन अभी तक छात्र का कुछ पता नहीं लग पाया। आज सुबह दोबारा से छात्र की खोजबीन के लिए एसडीआरएफ, थाना मुक्तेश्वर पुलिस, सीओ भवाली नितीन लोहनी, तहसील धारी तहसील समेत नैनीताल की टीम जुट गई है।

यह भी पढ़ें:  अच्छी खबर–वंदे मातरम ग्रुप के अध्यक्ष शैलेन्द्र दानू द्रोण अवार्ड से सम्मानित, आप भी दीजिए बधाई...

वहीं छात्र चिन्मय के पिता प्रताप जीना उनके मामा प्रमोद बोरा समेत घर के परिजन भी खोजबीन में जुटे है। तहसीलदार धारी तानिया रजवार ने कहा छात्र की तलाश लगातार की जा रही है। एसडीआरएफ के गोताखोर सुबह से ही ताल में छात्र की खोजबीन कर रहे हैं, लेकिन पहाड़ों के अंदर तक गुफा गई है जिसमे पानी की निकासी है, जिसके चलते खोजबीन में दिक्कत आ रही है।

सीओ भवाली नितिन लोहनी ने कहा एसडीआरएफ की टीम लगातार खोजबीन में जुटी हुई है, एसडीआरएफ कल सुबह से ही लगातार पानी के अंदर काफी गहराई तक खोजबीन में जुटी हुई है।

यह भी पढ़ें:  अच्छी खबर–वंदे मातरम ग्रुप के अध्यक्ष शैलेन्द्र दानू द्रोण अवार्ड से सम्मानित, आप भी दीजिए बधाई...

आज एक बार फिर से सीओ भवाली नितिन लोहनी ने बताया एसडीआरएफ के पास गैस सिलेंडर खत्म हो जा रहा है जिसे भरने के लिए हल्द्वानी लाया जाता है ऐसे में एनडीआरएफ से भी संपर्क किया गया लेकिन एनडीआरएफ के पास सिलेंडर नही है, संसाधनों की कमी है जिसके चलते खोजबीन में दिक्कत आ रही है।

बावजूद इसके पुलिस एसडीआरएफ और राजस्व पुलिस लगातार खोजबीन में जुटी हुई है, पुलिस प्रशासन द्वारा बताया गया एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व विभाग और एनडीआरएफ लगातार या प्रयास जारी रहेगा है कि जल्द से जल्द छात्र की खोजबीन की जा सके।

यह भी पढ़ें:  अच्छी खबर–वंदे मातरम ग्रुप के अध्यक्ष शैलेन्द्र दानू द्रोण अवार्ड से सम्मानित, आप भी दीजिए बधाई...

वही आपको बता दें परी ताल में पिछले दो सालों में चार लोगों की डूबने से मौत हुई है। इन मौतों के बाद यह एक रहस्यमय झील बन गई है। स्थानीय लोगों ने बताया की इस झील की गहराई अभी तक कोई माप नहीं पाया है। प्राकृतिक झील की खूबसूरूती के चलते इसे स्थानीय लोगों द्वारा परी ताल का नाम दिया गया है।