उत्तराखंड/आस्था–एकाग्रचित होकर करना चाहिए श्रीमद् देवी भागवत कथा का श्रवण…आचार्य कपिल देव

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शांतिपुरी के जवाहर नगर स्थित स्व० श्यामसुंदर पटवाल की स्मृति में नारायण निवास पर 22 जनवरी से 1 फरवरी तक चल रहे श्रीमद देवी भागवत के पांचवे दिन भागवताचार्य कैलाश देव ने मां भगवती के गुणो का व्याख्यान करते हुए त्री स्वरूवों का वर्णन किया।

तीन स्वरूपों का वर्णन करते हुए बताया कि अहंकार रूप में मां सरस्वती, ह्रींरीम रूप में साक्षात महालक्ष्मी और क्लीम रूप में साक्षात महाकाली, यह मां के तीन स्वरूप हैं पर विशेष वर्णन किया।

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उन्होंने कहा देवताओं को मां भगवती ने अपने चरण नख में ही समस्त ब्रह्माण्ड का दर्शन करा दिया और साथ ही देवदत्त ब्राह्मण उदत्य की भी कथा सुनाई।

उन्होंने कहा वे महामुर्ख थे, लेकिन माता भगवती की कृपा से वो परम विद्वान बने और इसी प्रकार से मां भगवती के गुणानुवादो चर्चा करते हुए कपिल देव महाराज ने “बस यही लिख दे मां लिख दे तकदीर में मेरी” भजन गाकर पूरे पंडाल में भक्तिमय माहौल बना दिया।

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भजन को सुनकर कथा पंडाल में उपस्थित समस्त श्रोतागण आनंद विभोर होकर ठंड के बाद भी जमकर नाचें।

कथा में पूजा पाठ सहभागिता कर रहे आचार्य नवीन चंद जोशी, आचार्य खष्टी दत्त भट्ट, आचार्य हर्ष पलडिया, आचार्य कमल पाठक, खष्टी दत्त जोशी और संगीतकार के रूप में मनोज तिवारी, चंचल जोशी, मुकेश भट्ट, तारा पांडेय, पार्वती देवी, यजमान राजेंद्र सुनीता पटवाल, कमल पटवाल, खड़क सिंह, चन्दन बिष्ट, दीप्ती, ममता, अंजुला, सुरज, कनिका, ताश्वी, प्रिया, हंशिका समेत समस्त पटवाल परिवार व क्षेत्रवासी मौजूद रहे।

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