श्रीकृष्ण को बनाया दूल्हा, परिजनो सहित 300 लोग बने साक्षी, पढ़िए हल्द्वानी निवासी एक लड़की के विवाह की अनोखी कहानी…
हल्द्वानी शहर में एक अनोखा विवाह बृहस्पतिवार को चर्चाओं में रहा। शहर की एक दिव्यांग युवती ने भगवान श्रीकृष्ण को अपना पति मानकर धूमधाम से विवाह रचाया। बरात भी आई और भगवान की प्रतिमा के साथ पूरे विधि-विधान से विवाह की सभी रस्में पूरी की गई।
हल्द्वानी शहर में एक अनोखा विवाह बृहस्पतिवार को चर्चाओं में रहा। शहर की एक दिव्यांग युवती ने भगवान श्रीकृष्ण को अपना पति मानकर धूमधाम से विवाह रचाया। बरात भी आई और भगवान की प्रतिमा के साथ पूरे विधि-विधान से विवाह की सभी रस्में पूरी की गई।
हल्द्वानी के आरटीओ रोड स्थित इंद्रप्रस्थ कॉलोनी निवासी पूरन चंद्र पंत और मीनाक्षी पंत की 21 साल की बेटी हर्षिका पंत ने बृहस्पतिवार को पूरे विधि विधानों के तहत भगवान कान्हा के प्रति समर्पण जताते हुए विवाह विवाह रचाया।
हर्षिका परिधानों में दुल्हन बनकर सजी थी जबकि उनके दूल्हे के रूप में भगवान श्रीकृष्ण की वृंदावन से मंगाई प्रतिमा थी। हाथों में श्याम के नाम की मेहंदी रची थी। इस अनोखे विवाह समारोह के साक्षी पंत परिवार के परिचित-रिश्तेदारों समेत 300 से अधिक लोग बने।
हर्षिका और कान्हा के इस अद्भुत विवाह में बैंड-बाजों की धुनों और गिदारों के गीत और विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ, हर्षिका और कान्हा का विवाह हुआ। वरमाला पहनाई गई और मेहमानों ने दूल्हा-दुल्हन के साथ तस्वीरें भी खिंचवाई। इस दौरान मेहमान भगवान का आशीर्वाद भी लेते रहे।
पंत परिवार ने, बेटी की शादी के लिए 300 से अधिक मेहमानों को निमंत्रण दिया था। खास बात यह रही कि सभी मेहमानों को विवाह में घराती नहीं, बल्कि कन्हैया के बाराती के तौर पर बुलाया गया।
बृहस्पतिवार को तय समय पर, नाचते-गाते बाराती पंत परिवार के घर से वर कान्हा को लेकर, विवाह समारोह के लिये लगाए गए पंडाल में पहुंचे। वहां पंत परिवार ने, वर और बरातियों का स्वागत किया। आचार्य चंद्र शेखर तिवारी और आचार्य मनोज जोशी हवन पूजन के साथ कुमाउंनी रीति रिवाज से विवाह संपन्न कराया।
बचपन से ही कन्हैया को मान लिया था पतिपंत परिवार के पुरोहित चंद्र शेखर तिवारी बताते हैं कि मूलरूप से बागेश्वर निवासी परिवार के घर में लंबे समय से वे मांगलिक कार्य करवाते आए हैं। कहा कि वे जब करवाचौथ पर हर्षिका के घर पहुंचे तो माता मीनाक्षी पंत ने बताया कि हर्षिका ने उपवास रखा है।
बिना विवाह के व्रत रखने के सवाल पर हर्षिका की मां ने बताया कि आठ साल की उम्र में हर्षिका ने करवाचौथ पर सपने में भगवान के दर्शन करने की बात कही। इसके बाद से लगातार 13 सालों से हर्षिका भगवन श्री कृष्ण के लिए व्रत रखती आ रही हैं।