बिग ब्रेकिंग–प्रदेश की धामी सरकार और खनननिदेशक लेघा के अथक प्रयासों ने खनन से चार महीने में जुटाए 333 करोड़…
देहरादून–उत्तराखंड की धामी सरकार राजस्व बढ़ाने को लेकर तेजी के साथ कार्य कर रही है। राज्य में खनन से राजस्व बढ़ाने को लेकर सीएम धामी और खनन विभाग के निदेशक राजपाल लेघा का प्रयास रंग ला रहा है।
खनन निदेशक राजपाल लेघा ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के चार महीनों में खनन से 333.17 करोड़ के राजस्व प्राप्त हुआ है। यह वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले चार महीनों में अर्जित राजस्व से 67 प्रतिशत अधिक है।
खनन कार्य को और अधिक पारदर्शी बनाने एवं अवैध खनन की रोकथाम को आधुनिक माइनिंग डिजिटल ट्रांसफारमेशन एंड सर्विलांस सिस्टम (एमडीटीएसएस) विकसित करने को सरकार ने 45 माइन चेक गेट्स स्थापित करने को स्वीकृति दी है। सरकार के सामने प्रदेश में खनन से आय बढ़ाना चुनौतीपूर्ण रहा है।
खनन से आय में वृद्धि की व्यापक संभावनाओं के बाद भी 500 करोड़ से अधिक राजस्व जुटाने में विभाग के पसीने छूटते रहे हैं। गत वित्तीय वर्ष से परिस्थिति में बदलाव हुआ। आय की दिशा में में उठाए गए कदमों को सफलता मिली है।
वर्ष 2023-24 में खनन से 875 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया था। यह लक्ष्य पूरा तो नहीं हुआ, लेकिन भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय ने 645.42 करोड़ राजस्व के रूप में प्राप्त किए। इससे पहले यानी वित्तीय वर्ष 2022-23 में भी निदेशालय को 875 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन राजस्व मात्र 472.35 करोड़ ही मिल पाया।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में 173.17 करोड़ रुपये यानी लगभग 40 प्रतिशत अधिक राजस्व अर्जित किया गया। सस्ती दर पर मिल रही निर्माण सामग्री ई-रवन्ना पोर्टल को उन्नत कर चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर एवं नैनीताल में निविदा के माध्यम से आवंटित कंपनी कर वसूली कर रही है।
रवन्ना प्रपत्रों को डिजिटल रूप में ही रखने की कार्यवाही चल रही है। बताया गया कि स्टोन क्रेशर, स्क्रीनिंग प्लांट्स में कच्चे माल के रूप में उपखनिज की भरपूर आपूर्ति का प्रभाव उनकी कीमत पर भी पड़ा है।
ग्रिट, डस्ट, रेता व बजरी को 70 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचा जा रहा है, जबकि इससे पहले वर्ष में यह दर 140 रुपये प्रति क्विंटल रह चुकी है। इस कारण आमजन को भी निर्माण सामग्री सस्ती दर पर मिल रही है।