यहां जिले के खनन अधिकारी की 3 लाख घूस लेने की कथा, तीन महीने तक लटकाए रखी फाइल, दो लाख में साैदा, तभी आ गई एंटी करप्शन ब्यूरो टीम..

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उत्तर प्रदेश–मुरादाबाद के जिला खनन अधिकारी के लिए रिश्वत ले रहे बाबू को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने दबोच लिया। खनन का अनुमति पत्र और ऑनलाइन पोर्टल का आईडी-पासवर्ड देने के लिए तीन लाख की मांग की गई थी। इसके लिए तीन माह तक फाइल लटकाए रखी।

जिला खनन अधिकारी राहुल सिंह ने तीन लाख रुपये के लिए तीन माह तक फाइल लटकाए रखी। बीस बार से ज्यादा बार कारोबारी मो. रफी खनन अधिकारी से मिले, लेकिन उनकी फाइल आगे नहीं बढ़ी।

अंत में दो लाख रुपये में फाइल पास करने का सौदा तय हुआ, लेकिन कारोबारी के पास देने के लिए दो लाख रुपये भी नहीं थे।

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तब उन्होंने परेशान होकर एंटी करप्शन ब्यूरो में खनन अधिकारी और उनके कार्यालय के बाबू की शिकायत की। बृहस्पतिवार को टीम ने घेराबंदी कर बाबू शाहरूख पाशा को दबोच लिया।

मूंढापांडे के बुजपुर आशा निवासी मो. रफी ने एक साल पहले पर्यावरण निदेशालय से ऑनलाइन आवेदन कर खनन (मिट्टी उठाने) के लिए अनुमति मांगी थी।

मो. रफी ने बताया कि उन्हें पांच जुलाई 2024 को पर्यावरण निदेशालय से खनन के लिए अनुमति मिल गई थी। इसके बाद स्थानीय स्तर पर खनन अधिकारी कार्यालय से अनुमतिपत्र और ऑनलाइन पोर्टल के लिए आईडी-पासवर्ड लेना था।

मो. रफी ने बताया कि वह पांच जुलाई को जिला खनन अधिकारी राहुल सिंह से मिले, लेकिन उन्हें कुछ दिन बाद आकर मिलने के लिए कहा गया।10 दिन बाद फिर से मो. रफी ने जिला खनन अधिकारी से मुलाकात की। इसके बाद उन्हें सावन माह के बाद मिलने के लिए कहा।

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इसी दौरान कई बार वह गए, लेकिन लौटा दिया गया। अंत में जिला खनन अधिकारी राहुल सिंह ने मो. रफी से तीन लाख रुपये रिश्वत की मांग की। मो. रफी ने इतनी बड़ी रकम की व्यवस्था नहीं होने पर घूस देने से इनकार कर दिया।

हालांकि, बाद में दो लाख रुपये में सौदा तय हो गया। राहुल सिंह ने मो. रफी से कहा कि बाकी बात वह संविदाकर्मी शाहरूख से कर लें। मो. रफी ने शाहरूख से बातचीत की तो उसने 20 हजार रुपये अलग से मांगे।

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तय समय के मुताबिक मो. रफी बृहस्पतिवार दोपहर 12 बजे जिला खनन अधिकारी के कार्यालय में पहुंच गया और बीस हजार रुपये शाहरूख को दे दिए। इसी दौरान टीम ने उसे दबोच लिया। पैसे नहीं सामान बताकर बात करना।

मो.रफी ने बताया कि जिला खनन अधिकारी के कहने पर वह बाबू शाहरूख पाशा से बात करने पहुंचे। तब शाहरूख ने बातचीत तय होने के बाद कहा कि वह जब यहां पैसे देने आए तो पैसे शब्द का इस्तेमाल न करें। कुछ सामान लेकर आया हूं कहना और मैं रकम ले लूंगा। हालांकि, यह चालाकी काम नहीं आई और एंटी करप्शन टीम ने बाबू को दबोच लिया।