हल्दुचौड़ निवासी वरिष्ठ समाजसेवी अंडोला ने किया सराहनीय कार्य, इस परिवार के चेहरे पर पल भर में आई खुशी..
काल्पनिक ही सही, अत्यधिक भावुकता भरे और बेहद उलझे हुए हालातों में सिर टिकाने के लिए एक कंधा शायद सबके लिए ज़रूरी है।
बेरहम परिस्थितियों में जब तमाम उम्मीदें और लोग साथ छोड़ दें तो जीने की वज़ह भी वही कंधा होता है। इन पंक्तियों को जीवन के सही मायनों में एक बार पुनः सार्थक कर दिखाया हल्दुचौड़ निवासी वरिष्ठ समाजसेवी शुभम अंडोला ने।
लोकतंत्र में अपेक्षाओं की भारी गठरी माथे पर होने के बाद भी तलाश किसी की पूरी नहीं होती क्योंकि लोकतंत्र में जनमानस के अलावा भी समाजसेवियों के अपने सुख-दुख और प्राथमिकताएं हैं।
जीवन भर की वंचनाओं के बाद अगर आपको शुभम जैसा निश्वार्थ सहायककर्ता मिल जाए तो समझ लेना आपकी तलाश यहां पूरी होती है।
बताते चले की राधा कृष्ण पाठक पिछले दिनों घर में खाना बनाते वक्त आग से झुलस गए थे, पत्नी गीता पाठक भी पिछले कई महीनों से पैरालिसिस जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है, और बिस्तर पर पड़ी हैं, इनका एक पुत्र भी है जिसका भी पिछले दिनों हाथ टूट गया, मानों नियति पाठक परिवार के ऊपर दुखों का पहाड़ तोड़ रही हैं।
युवा समाजसेवी अंडोला ने हल्द्वानी निवासी समाजसेवी हेमंत गोनिया की मात्र एक फेसबुक पोस्ट से अपने परिजन व सुपुत्र दक्ष के हाथों अपनी फर्म के माध्यम से जरूरतमंद लालकुआं मोटाहल्दू पाड़लीपुर निवासी राधा कृष्ण पाठक के लिए रुपए 11000 की आर्थिक सहायता व महीने भर का राशन देकर परिवार के चेहरे पर खुशियां लाने का कार्य किया हैं।
स्थानीय जनमानस की निस्वार्थ करते हुए मुझे जिस सुखद एहसास की अनुभूति होती हैं उसको शब्दों से बयां कर पाना शायद बहुत ही मुश्किल है। मैं सिर्फ अपना कर्तव्य निभाते हुए आम जनमानस की सेवा करता हूं। जो छोटी सी मदद मैने दी हैं, दिल से आराधना करते हुए क्षेत्रवासियों की सुखद जीवन की मंगल कामना करता हूं–शुभम अंडोला वरिष्ठ समाजसेवी हल्दुचौड़।