उत्तराखंड के सभी जिलों में सड़क सुरक्षा हाईवे पर अब और कड़ी निगरानी, सुनिश्चित होगी पेट्रोलिंग

खबर शेयर करें -

प्रदेश के सभी जिलों के राष्ट्रीय राजमार्गों पर नियमित निगरानी को हाई-वे पेट्रोलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। अभी पुलिस व परिवहन विभाग हाई-वे पेट्रोलिंग करती तो हैं, लेकिन यह सीमावर्ती क्षेत्रों में अधिक है। अब इसका दायरा बढ़ाने की तैयारी है। इसके लिए आवश्यकता पडऩे पर नए वाहन व उपकरणों की खरीद भी की जाएगी।

 

 

 

प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में हाई-वे पर सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती हैं। साथ ही इनमें यातायात के नियमों का भी सबसे अधिक उल्लंघन होता है। इनमें अवैध संचालन और अपराध की आशंका भी रहती है। परिवहन विभाग ने हाल ही में सड़क सुरक्षा नीति प्रख्यापित की है। इस नीति में पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा हाई-वे पेट्रोलिंग पर जोर दिया गया है।

यह भी पढ़ें:  2 हफ्ते से लापता मनोज का मिला शव, ग्रामीणों ने हत्या का आरोप लगाकर किया अस्पताल में प्रदर्शन

 

 

 

प्रदेश में अभी पुलिस व परिवहन विभाग, दोनों ही हाई-वे पेट्रोलिंग करते हैं लेकिन इनका दायरा सीमित है। पुलिस के इस समय लगभग 30 दल और परिवहन विभाग के 16 दल इस कार्य में लगे हैं। यद्यपि ये दल हाई-वे के साथ ही अन्य मार्गों पर भी नजर रखते हैं। रात के समय जब हाई-वे पेट्रोलिंग की सबसे अधिक आवश्यकता होती है, तब इनकी संख्या बेहद सीमित हो जाती है। परिवहन विभाग के दल रात के समय नजर नहीं आते। पुलिस के दल भी प्रमुख चौराहों के आसपास तक सक्रिय रहते हैं।

यह भी पढ़ें:  उत्तराखंड के सेबों को मिलेगी विशेष पहचान, सीएम धामी के निर्देश पर पैकेजिंग का कार्य शुरू

 

सड़क सुरक्षा नीति में अब दिन-रात हाई-वे पेट्रोलिंग पर जोर दिया जा रहा है। उद्देश्य यह कि इस दौरान सड़कों पर वाहनों के अवैध संचालन, दुर्घटना व अपराध पर नजर रखने के साथ ही दुर्घटना की स्थिति में घायलों को फौरी राहत दिलाई जा सके।

यह भी पढ़ें:  Hc से राज्य निर्वाचन आयोग को नहीं मिली राहत, पंचायतीराज एक्ट के मुताबिक हो इलेक्शन

 

 

संयुक्त आयुक्त परिवहन एसके सिंह का कहना है कि नीति के अनुसार अब हाई-वे पेट्रोलिंग का दायरा बढ़ाया जा रहा है। इसे सभी जिलों में कराना सुनिश्चित किया जाएगा।

Ad Ad