शायद रामलीला में बेटे का अभिनय ना होता, तो बच जाते उमेश…

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हल्द्वानी। कुसुमखेड़ा में सोमवार देर रात रामलीला के दौरान अधिवक्ता उमेश नैनवाल की हत्या से सनसनी मच गई। हत्या जिस समय हुई, उस समय रामलीला का मंचन देखने के लिए 800 लोगों की भीड़ मौजूद थी।

उमेश का बेटा परशुराम का अभिनय कर रहा था और उमेश खड़े होकर उसका वीडियो बना रहे थे, तभी दिनेश ने उन्हें गोली मर दी। अचेत होकर उमेश जमीन पर गिर पड़े। इससे अफरा-तफरी मच गई।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार उमेश और उनका पूरा परिवार कमलुवागांजा में रामलीला देखने के लिए आया था। सोमवार को राम बारात और परशुराम लक्ष्मण संवाद का मंचन होना था। परशुराम का किरदार उमेश नैनवाल का बेटा आदित्य निभा रहा था। धनुष टूटते ही राम बारात निकलने लगी। लोग तालियां बजा रहे थे और पटाखे फोड़े जा रहे रहे थे।

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उमेश भी भीड़ के बीच से बेटे के अभिनय का वीडियो बना रहे थे। तभी धमाका हुआ। लोगों ने समझा कि पटाखे फोड़े गए हैं, मगर अचानक उमेश जमीन पर गिरकर खून से लथपथ हो गए, तब पता चला कि उन्हें गोली मार दी गई है।

24 बीघा जमीन बनी हत्या की वजह। पुलिस के अनुसार हत्या की वजह 24 बीघा जमीन है। इस जमीन पर लंबे समय से उमेश नैनवाल काबिज था। दिनेश भी जमीन पर अपना अधिकार जताने लगा। दोनों परिवारों के बीच विवाद थाने तक पहुंचा। बार-बार विवाद को देखते हुए पुलिस ने जमीन पर 106/116 की करवाई कर दी थी।

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हत्या के आरोप में जेल जा चुका है दिनेश नैनवाल। अपने ही भाई की हत्या करने वाले दिनेश नैनवाल का अपराधिक इतिहास रहा है। कुछ सालों पहले वह हत्या के आरोप में जेल गया था। जेल से बाहर आने के बाद उसने भाई से रंजिश रखी और आएदिन विवाद को तूल देना शुरू कर दिया था।

रामलीला मैदान में खुलेआम हत्या से पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। बताया जा रहा वारदात के समय रामलीला ग्राउंड में दो पुलिस वाले भी मौजूद थे। इस घटना के बाद रामलीला को अग्रिम आदेश तक के लिए रद कर दिया गया है।

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एसएसपी सहित पुलिस टीम ने किया मौका मुआयना। गोली लगने से युवक की मौत की सूचना पर एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा सहित तमाम पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों को आरोपित को पकड़ने के निर्देश दिए। घटनास्थल का मुआयना भी किया।

भाई को गोली मारकर मुख्य गेट से भागा दिनेश। उमेश को गोली मारने के बाद मुख्य गेट पर आया। उसे किसी का डर नहीं था। गेट पर आते ही उसने तमंचे को दीवार के पर झाड़ियों में फेंक दिया। इसके बाद भाग निकला।