हल्द्वानी में महज ‘एक पर शिकंजा’, हरिद्वार में ताबड़तोड़ कार्यवाही, कुमाऊं में ढीली निगरानी पर उठे सवाल…

खबर शेयर करें -

 

 

हल्द्वानी/देहरादून। दीपावली से पहले जहां एक ओर राज्य कर विभाग (स्टेट जीएसटी) ने कर चोरी पर अंकुश लगाने के लिए पूरे उत्तराखंड में विशेष जांच अभियान शुरू किया है, वहीं कुमाऊं क्षेत्र में विभागीय कार्रवाई को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। हरिद्वार और देहरादून जैसे जिलों में जहां कर अधिकारियों ने चौकसी बढ़ा दी है, वहीं हल्द्वानी में महज एक ट्रांसपोर्टर पर कार्रवाई कर खानापूर्ति कर दी गई है।

 

हरिद्वार में एसआईबी (विशेष अनुसंधान शाखा) और सचल दल की संयुक्त टीम ने दस से अधिक ट्रांसपोर्टरों पर एक के बाद एक कार्रवाई कर करापवंचन (टैक्स चोरी) का बड़ा खुलासा किया। देहरादून में भी पटाखा व्यापारियों पर की गई कार्रवाई के दौरान ₹4.25 लाख का अर्थदंड वसूल कर विभाग ने सख्ती का संदेश दिया है।

यह भी पढ़ें:  हल्द्वानी–मिलावटखोरों पर FDA का शिकंजा, दो क्विंटल लावारिस मिठाई जब्त...

 

इसके विपरीत, कुमाऊं में यह अभियान महज एक औपचारिकता बनकर रह गया है। हल्द्वानी में अब तक केवल एक ट्रांसपोर्टर पर ही सख्त कार्रवाई की गई है, जबकि एक अन्य पर प्रतीकात्मक जांच कर विभाग ने जैसे अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली हो। सूत्रों के अनुसार, उधम सिंह नगर के रुद्रपुर के रास्ते प्रतिदिन भारी मात्रा में कर चोरी का माल प्रदेश में प्रवेश कर रहा है, लेकिन विभागीय निगरानी लगभग नदारद है।

यह भी पढ़ें:  बिग ब्रेकिंग–उत्तराखंड में आईएएस अफसरों के बम्पर तबादले, कई जिलों में नयी तैनाती...

 

सूत्रों का यह भी दावा है कि उधम सिंह नगर में तैनात डिप्टी कमिश्नर की एसआईबी/प्रवर्तन मुख्यालय में विशेष पकड़ है, जिसकी वजह से कुमाऊं में जांच अभियान की धार कमजोर नजर आ रही है। जानकारों का मानना है कि यदि कुमाऊं में भी हरिद्वार और देहरादून की तरह सघन जांच अभियान चलाया जाए, तो टैक्स चोरी पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सकता है और राज्य को करोड़ों के राजस्व नुकसान से बचाया जा सकता है।

यह भी पढ़ें:  हल्द्वानी–मिलावटखोरों पर FDA का शिकंजा, दो क्विंटल लावारिस मिठाई जब्त...

 

त्योहारी सीजन में जब बाजारों में खरीदारी अपने चरम पर है, ऐसे समय में कर चोरी रोकने के लिए निष्पक्ष और कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है। अब देखने वाली बात होगी कि राज्य कर विभाग कुमाऊं क्षेत्र में भी सख्ती दिखाता है या यह अभियान कुछ चुनिंदा क्षेत्रों तक ही सीमित रह जाता है।

 

 

Ad Ad Ad