उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था को नई मजबूती, राजस्व बढ़ोतरी पर सरकार का मिशन मोड में एक्शन…

देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में वित्तीय वर्ष 2025-26 की राजस्व प्राप्ति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया कि राज्य के समग्र विकास के लिए राजस्व वृद्धि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और सभी विभाग तय लक्ष्यों को समयबद्ध रूप से पूरा करें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्व वसूली बढ़ाने के लिए सतत निगरानी सुनिश्चित की जाए। विभागीय उच्चाधिकारी और जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों में इसकी नियमित समीक्षा करें। कर चोरी पर प्रभावी नियंत्रण के लिए एआई आधारित तकनीक के अधिकतम उपयोग, निबंधन एवं रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के पूर्ण डिजिटाइजेशन तथा सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों के नियमित निरीक्षण पर विशेष बल दिया गया।
मुख्यमंत्री ने रजिस्ट्री के दौरान संपत्तियों के सही मूल्यांकन और स्थलीय सत्यापन को अनिवार्य बताते हुए कहा कि इससे राजस्व में पारदर्शिता और बढ़ोतरी सुनिश्चित होगी। वहीं, प्रदेश से बाहर के वाहनों से ग्रीन सेस वसूली में हो रही देरी पर नाराजगी जताते हुए परिवहन विभाग को तत्काल वसूली शुरू करने के निर्देश दिए।
पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने वन संपदा के सही उपयोग, तराई क्षेत्रों में कमर्शियल प्लांटेशन और जड़ी-बूटी क्षेत्र में ठोस कार्ययोजना बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक” बनाने के संकल्प को साकार करने के लिए संसाधन वृद्धि को मिशन मोड में लागू किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹24,015 करोड़ का कर राजस्व लक्ष्य तय किया गया है, जिसमें अब तक 62 प्रतिशत से अधिक की प्राप्ति हो चुकी है। साथ ही, खनन सुधारों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तराखण्ड को ₹200 करोड़ की केंद्रीय प्रोत्साहन राशि प्राप्त होना राज्य की सही दिशा में प्रगति को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दीर्घकालिक आर्थिक मजबूती के लिए पूंजीगत निवेश पर विशेष ध्यान दे रही है। पूंजीगत व्यय में 34 प्रतिशत की वृद्धि से इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को गति मिलेगी और स्थायी परिसंपत्तियों का निर्माण होगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से आधुनिक, पारदर्शी और जवाबदेह वित्तीय प्रबंधन अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि कड़ा वित्तीय अनुशासन, बेहतर प्रबंधन और सामूहिक उत्तरदायित्व ही उत्तराखण्ड को विकास के नए शिखर तक पहुंचाएंगे।
बैठक में मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारी, विभागाध्यक्ष और सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।
