नैनीताल–जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव विवाद, हाईकोर्ट के आदेश पर आज डीएम कार्यालय में दिखाई जाएगी काउंटिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग…

नैनीताल। जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव की मतगणना में धांधली के आरोपों पर हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया है। कोर्ट ने काउंटिंग की वीडियोग्राफी और सीसीटीवी फुटेज याचिकाकर्ता, प्रत्याशियों और उनके अधिवक्ताओं को दिखाने के निर्देश दिए हैं। इस क्रम में आज गुरुवार सुबह 11 बजे डीएम कार्यालय में वीडियो दिखाया जाएगा। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम रहेंगे।
मामला क्या है
14 अगस्त की रात मतगणना के दौरान कैमरा ऑफ कर एक मतपत्र में ओवरराइटिंग कर वोट बदले जाने का आरोप लगाया गया था। याचिका में चुनाव निरस्त करने, निर्वाचित प्रतिनिधि को शपथ से रोकने और मतपत्र की फॉरेंसिक जांच की मांग की गई थी। कोर्ट में मतपत्र की फोटो भी पेश की गई।
कोर्ट में हुई सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर और जस्टिस सुभाष उपाध्याय की बेंच ने पूनम बिष्ट और पुष्पा नेगी की याचिकाओं पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डीडी कामत ने दलील दी कि चुनाव परिणाम नहीं बल्कि प्रक्रिया की शुचिता सर्वोच्च है।
उन्होंने मसीह प्रकरण का हवाला देते हुए कहा कि मतगणना में पारदर्शिता न हो तो लोकतंत्र पर प्रश्नचिह्न खड़ा होता है। सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कहा कि इस तरह की आपत्ति चुनाव आयोग या चुनाव याचिका के रूप में की जानी चाहिए, हाईकोर्ट ट्रायल कोर्ट नहीं है।
डीएम का पक्ष
डीएम वंदना सिंह ने ऑनलाइन उपस्थित होकर कहा कि—सभी प्रत्याशियों को काउंटिंग से पहले फोन और व्हाट्सएप से सूचना दी गई थी। विवादित मतपत्र में पहली प्राथमिकता (1) अंकित नहीं थी, केवल दूसरी प्राथमिकता दी गई थी, इसलिए वोट इनवैलिड माना गया। सभी प्रत्याशियों को मतपत्र निरीक्षण का अवसर दिया गया था, उस समय आपत्ति नहीं की गई।
पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी और वीडियोग्राफी में स्वतंत्र पर्यवेक्षक की मौजूदगी में रिकॉर्ड की गई है।
आगे की कार्यवाही
हाईकोर्ट के निर्देश पर महाधिवक्ता ने वीडियो अवलोकन के लिए तीन सरकारी अधिवक्ताओं को नामित किया है।
याची पक्ष ने वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस पाटनी, अवतार सिंह रावत और त्रिभुवन फर्त्याल के नाम दिए हैं। कोर्ट ने डीएम वंदना सिंह और एसपी जगदीश चंद्रा को सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रखने और निर्धारित लोगों के अलावा किसी अन्य को कक्ष में प्रवेश न देने के निर्देश दिए हैं।


