मुख्यमंत्री की विधानसभा में बीमार बुजुर्ग महिला को 15 किलोमीटर पैदल चलकर सड़क तक लाए युवा, आज भी डोली में ढोए जा रहे हैं मरीज…

चंपावत–मुख्यमंत्री की विधानसभा चंपावत के तल्लादेश क्षेत्र के बकोड़ा में अभी तक सड़क नहीं पहुंच पाई है। जिस वजह से एक बीमार बुजुर्ग महिला को युवाओं ने 15 किलोमीटर पैदल चलकर एक डंडे के सहारे कंधे में ढो कर सड़क तक पहुंचाया। फिर यहां से गाड़ी के जरिए बीमार महिला को 35 किलोमीटर दूर चंपावत के एक निजी अस्पताल में लाया गया।
सड़क न होने का खामियाजा बकोड़ा के लोग रोज झेलते आ रहे हैं, पर सुध लेने वाला कोई नहीं है। ग्रामीणों के मुताबिक 12 साल पूर्व सड़क मंजूर होने के बाद भी मंच से बकोड़ा तक की रोड का काम आज तक शुरू नहीं हो पाया है।
दरअसल, मंगलवार 12 अगस्त की सुबह बकोड़ा गांव की कलावती देवी (65) की अचानक तबीयत बिगड़ी। परिजनों के मुताबिक उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई, तो उन्हें गांव के लोगों की मदद से एक डंडे के सहारे डोली बनाकर अस्पताल तक लाया गया।
ग्राम प्रधान रवींद्र रावत ने कहा कि कुछ युवाओं ने डोली तैयार की और फिर एक डंडे में कपड़ा बांधकर बुजुर्ग कलावती को बिठाया। हल्की बारिश के बीच बारी-बारी से युवाओं ने कंधा देकर 4 घंटे से अधिक समय में 15 किलोमीटर का उबर खाबर रास्ता तय कर बीमार महिला को निजी अस्पताल तक लाया गया। तब जाकर महिला की जान बच पाई।
ग्रामीणों का कहना है कि बकोड़ा में न रोड है न कोई स्वास्थ्य की सुविधा है, स्कूल भी आठवीं तक है। मंच-बकोड़ा रोड 2012 में स्वीकृत होने के बावजूद आगे नहीं बढ़ सकी है।ग्रामीणों ने कहा कई बार शासन प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं पर कोई सुनने को तैयार नहीं। सब अपना अपना पल्ला झाड़ते नजर आते हैं।
वहीं मामले में लोक निर्माण विभाग चंपावत खंड के अधिशासी अभियंता मोहन चंद्र पलडिय़ा ने कहा कि मंच-बकोड़ा सड़क में वन अनापत्ति की अड़चन आ रही थी। अब एक महीने पूर्व इस सड़क को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में स्थानांतरित कर दिया गया है।
पीएमजीएसवाई चंपावत खंड के अधिशासी अभियंता त्रिभुवन नारायण बिष्ट का कहना है कि अभी इस सड़क की पत्रावली विभाग तक नहीं पहुंची है। पत्रावली आने के बाद इस सड़क का प्रस्ताव बनाकर भेजने के साथ वन अनापत्ति दूर करने की कार्यवाही की जाएगी।


