गैरसैंण में सीएम धामी ने पेश किया ₹5315 करोड़ का अनुपूरक बजट, सदन में शोर, 9 विधेयक आए..

भराड़ीसैंण में मंगलवार से शुरू हुए उत्तराखंड विधानसभा के चार दिवसीय मानसून सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा। जैसे ही सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष ने कानून व्यवस्था, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर जमकर हंगामा किया। स्थिति इतनी बिगड़ी कि कांग्रेस विधायकों ने सदन की टेबल तक पलट दी। इस अफरातफरी के चलते सदन की कार्यवाही सात बार स्थगित करनी पड़ी।
हंगामे के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सदन में ₹5315 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया। इसके साथ ही सरकार की ओर से नौ महत्वपूर्ण विधेयक भी सदन पटल पर रखे गए।
सदन में पेश हुए ये 9 प्रमुख विधेयक
उत्तराखंड विनियोग 2025-26 का अनुपूरक विधेयक
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर अधिनियम 1939 संशोधन विधेयक
धर्म स्वतंत्रता एवं विधि विरुद्ध प्रतिषेध संशोधन विधेयक
निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक
साक्षी संरक्षण निरसन विधेयक
अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक
समान नागरिक संहिता संशोधन विधेयक
पंचायती राज संशोधन विधेयक
लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक
सीएम धामी ने विपक्ष पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “हम बहस और चर्चा के लिए तैयार थे, लेकिन विपक्ष ने लोकतंत्र को बाधित किया। जनता सब देख रही है। विपक्ष हर हार के बाद EVM या सरकार को दोषी ठहराता है।” उन्होंने आगे कहा कि भाजपा को पंचायत से लेकर लोकसभा तक जनादेश मिला है, जिससे विपक्ष हताश है।
सत्र की कार्यवाही अब बुधवार सुबह 11 बजे फिर से शुरू होगी।
जानिए किस मद में कितना
उत्तराखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹53115.39 करोड़ का अनुपूरक बजट विधानसभा में प्रस्तुत किया है। इस बजट में राजस्व पक्ष से ₹2152.37 करोड़ और पूंजीगत पक्ष से ₹3163.02 करोड़ के प्रावधान शामिल हैं।
यह बजट राज्य की आपदा प्रबंधन, बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, खेल, पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित है।
मुख्य प्रावधान और बजटीय आवंटन
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास:
आपदा न्यूनीकरण निधि: ₹13 करोड़
प्रभावित परिवारों के पुनर्वास हेतु: ₹5 करोड़
जोशीमठ व अन्य आपदा क्षेत्रों के राहत कार्यों हेतु: ₹263.94 करोड़
पुनर्निर्माण हेतु ज़िलाधिकारियों को सहायता: ₹13 करोड़
ऊर्जा और पर्यावरण:
सोलर पैनल आधारित योजनाओं पर अधिष्ठापन: ₹25 करोड़
विद्युत ट्रैफिक सब्सिडी: ₹125 करोड़
ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) न्यूनीकरण: ₹23.66 करोड़
हिमालयी भूकंप जोखिम न्यूनीकरण: ₹5 करोड़
जल ग्रहण क्षेत्र शोधन योजना: ₹20 करोड़
परिवहन एवं सड़क विकास:
पर्वतीय मार्गों पर बस संचालन से होने वाली हानि की भरपाई: ₹10 करोड़
ग्रामीण सड़कों के निर्माण हेतु (PMGSY): ₹40 करोड़
बसों में निशुल्क यात्रा सुविधा (विशेष श्रेणियों हेतु): ₹3.1 करोड़
Nanda Devi राजजात यात्रा हेतु मार्ग निर्माण: ₹40 करोड़
रिंग रोड परियोजना हेतु भूमि अधिग्रहण व यूटिलिटी शिफ्टिंग: ₹925 करोड़
स्वास्थ्य एवं महिला सशक्तिकरण:
पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन: ₹25.55 करोड़
मातृत्व लाभ योजना (PMMVY): ₹15 करोड़
महिला स्वरोजगार योजना: ₹10 करोड़
महिला स्पोर्ट्स कॉलेज चंपावत निर्माण: ₹50 करोड़
शिक्षा व प्रशिक्षण:
विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्य सामग्री: ₹20 करोड़
संशोधित आईपीएस/सीआरपीएफ प्रशिक्षण: ₹3 करोड़
प्रशिक्षण शिविरों हेतु: ₹6 करोड़
टाटा टेक्नोलॉजी मॉडल: ₹20 करोड़
औद्योगिक एवं ग्रामीण विकास:
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग सहायता योजना: ₹10 करोड़
मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना: ₹10 करोड़
मेटल मिशन: ₹8 करोड़
पर्यटन और सांस्कृतिक संरक्षण:
ऋषिकेश और हरिद्वार को विशेष पर्यटन नगर के रूप में विकसित करने हेतु: ₹50-50 करोड़
पर्यटन स्थलों के आंतरिक मार्गों का सुदृढ़ीकरण: ₹25 करोड़
मानसखंड माला मिशन: ₹15 करोड़
अन्य प्रमुख आवंटन:
सूचना विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार हेतु: ₹120 करोड़
सीएम हेल्पलाइन शिकायतों के समाधान हेतु कार्मिक प्रबंधन में सुधार
सीएम हेल्पलाइन शिकायतों के समाधान हेतु कार्मिक प्रबंधन में सुधार
दूधारू पशुओं हेतु साइलेज उपलब्धता: ₹10 करोड़
गो सदन निर्माण: ₹5 करोड़
परिवार पहचान पत्र योजना: ₹5 करोड़
उत्तराखंड शहीद कोष: ₹2.5 करोड़
विशेष ध्यान देने योग्य बिंदु:
पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु ₹188.55 करोड़
लोक निर्माण विभाग के लंबित कार्यों हेतु ₹90 करोड़
पेयजल परियोजनाओं के लिए ₹90 करोड़
पुलिस आवासों के निर्माण हेतु ₹60 करोड़
विभिन्न विभागों में अवस्थापना सुधार हेतु ₹200 करोड़
उत्तराखंड सरकार का यह अनुपूरक बजट राज्य के समग्र विकास, आपदा प्रबंधन, आधारभूत ढांचे के सशक्तिकरण और सामाजिक कल्याण को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। बजट के माध्यम से राज्य सरकार ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि वह नवाचार, पारदर्शिता और जनकल्याण को अपनी प्राथमिकता में रखकर आगे बढ़ रही है।


