हल्द्वानी–दौलत ने पूनम की मौत पर बैठाई पंचायत, पुत्र और पति नहीं दे पाए प्रमाण, सिटी मजिस्ट्रेट के निर्देश पर पुलिस की निगरानी में पादरी ने कराया लाश का अंतिम संस्कार।
काठगोदाम–प्राण त्यागने के बाद अपने ही लोग अंतिम संस्कार करते हैं, लेकिन यहां तीन दिन से एक मामला ऐसा चल रहा है कि एक महिला के मरने के बाद उसके बेगाने अब उसकी अपने होने का दावा कर रहे हैं, क्योंकि महिला के जिंदा रहते हुए उसके अपने लोग उसको पूछने भी नहीं आए, लेकिन आज कोई कहता है कि यह मेरी मां है, कोई कहता है कि मेरी पत्नी है।
यह मामला है काठगोदाम की पूनम का।
पूनम के शव का हक अब न उसके कतिथ पुत्र सन्नी को मिलेगा और न खुद को पति बताने वाले डेनियल को। दोनों में से एक भी पक्ष शव पर अपने दावे के पुख्ता साक्ष्य सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह के सामने प्रस्तुत नहीं कर पाए। इसलिए पूनम के शव का अंतिम संस्कार अब पुलिस की निगरानी में हुआ।
ईसाई धर्म के रीति रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार किया गया, पादरी की मौजूदगी में पूनम के शव को दफनाया गया।
काठगोदाम नैनीताल रोड निवासी पूनम की बीते आठ नवंबर को मौत हो गई थी। वह कैंसर से पीड़ित थी। उनकी मौत के बाद शव पर दो लोगों ने दावा ठोंका। जिसके बाद से शव पोस्टमार्टम हाउस में ही रखा गया।
शव पर पहला दावा खुद को पूनम का पति कहने वाले राजू डेनियल और बेटा बताने वाले सन्नी ने दावा ठोंका। शुक्रवार को सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष दोनों साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए। जिसके बाद सिटी मजिट्रेट ऋचा सिंह ने शनिवार तक का वक्त दिया। शनिवार को सन्नी ग्राम प्रधान द्वारा लिखित एक पत्र और डेनियल शादी के सर्टिफिकेट की फोट कॉपी लेकर पहुंचा। खुद को राजू डेनियल बताने वाले का नाम आधार कार्ड में डेनियल युनुस मसीह था। जिसके चलते सिटी मजिस्ट्रेट ने दोनों के दावे खारिज कर दिए।
मामले में पादरी की गवाही भी हुई और पादरी ने बताया कि पूनम ने चर्च में सदस्यता ली थी। जिस पर यह माना गया गया कि पूनम ने ईसाई धर्म अपना लिया था। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने काठगोदाम पुलिस को ईसाई धर्म के अनुरूप अंतिम संस्कार कराने के निर्देश दिए, साथ ही यह भी कहा की जब तक पूनम का असली वारिस नहीं मिलता, तब तक पूनम का घर और घर में मौजूद दो असलहे व अन्य सामान पुलिस की निगरानी में होंगे। इसके अलावा बैंक मैनेजर को आदेश दिए गए हैं कि वारिसान मिलने तक बैंक खाते सीज कर दिए जाएं।