हल्द्वानी– तो क्या कोई परिचित ही हैं ममता का कातिल. लूट के इरादे से नहीं बल्कि रास्ते से हटाने को किया गया कत्ल।
हल्द्वानी– ममता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने कातिल की हैवानियत और ममता के संघर्ष की कहानी बयां कर दी है। कातिल ममता पर हथौड़े जैसे भारी हथियार से तब तक प्रहार करता रहा, जब तक ममता की मौत नहीं हो गई। पुलिस की जांच में भी अब यह साफ हो गया है कि यह लूट नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार ममता के सिर पर गहरे घाव का निशान है और ये निशान हथौड़े जैसे किसी हथियार के हमले से ही हो सकते हैं। इतना ही नहीं ममता ने कातिल से बचने के लिए संघर्ष किया। सभवत: कातिल ने ममता पर उस वक्त हमला किया, जब वह रसोईघर में थी। कातिल ने उस पर पीछे से हमला किया और जब ममता ने बचने की कोशिश की तो उस पर और कई वार किए। इन वारों से बचने के लिए ममता ने हाथ आगे बढ़ाया और इसी वजह से उसके हाथ में भी इंजरी हुई। ममता के शरीर पर कुछ और चोटों के निशान भी हैं। इधर, पुलिस ने घटना स्थल वाली गली के बाहर लगे इकलौते सीसीटीवी को खंगालना शुरू कर दिया है। प्राथमिक जांच में तमाम लोग सीसीटीवी में दिखाई दे रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ऐसा नजर नहीं आया जिस पर पुख्ता संदेह किया जा सके। दो दिनों की जांच के बाद पुलिस यह मान चुकी है कि कत्ल लूट के इरादे से नहीं किया गया। बल्कि यह एक सुनियोजित षडयंत्र था।
प्रबल है सुपारी किलिंग की संभावना।
ममता हत्याकांड में पुलिसिया जांच की दिशा बदल चुकी है। पुलिस अब सुपारी किलिंग के नए एंगल पर भी काम कर रही है। चूंकि पुलिस यह मान चुकी है कि हत्या सुनियोजित थी और कातिल को ममता पहले से जानती थी। इसीलिए ममता ने न सिर्फ उसके लिए दरवाजा खोला, बल्कि चाय-पानी के लिए रसोई घर तक गई। अब यह माना जा रहा है कि इस कत्ल के पीछे असल गुनहगार कोई और है, जिसने कातिल को पूरा प्लान समझाया और इसके एवज में उसे मोटी रकम भी दी।
ममता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ चुकी है। रिपोर्ट में सिर पर हथौड़े जैसे हथियार से वार करने की बात सामने आ रही है। हमारी टीमें कई एंगल पर तफ्तीश कर रही हैं। यह लगभग स्पष्ट है कि हत्या सुनियोजित थी, जिसे लूट का रूप देने की कोशिश की गई। जल्द ही इस मामले का अनावरण कर दिया जाएगा–पंकज भट्ट, एसएसपी, नैनीताल।