भवाली/आस्था–आज कैंची धाम आने से पूरी होती हैं हर मुराद, नीम करोली बाबा ने स्वयं कैंची धाम का प्रतिष्ठा दिवस 15 जून को किया था तय…

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कैंची धाम नैनीताल जिले में भवाली से अल्मोड़ा/रानीखेत राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। आज 15 जून मंदिर के प्रतिष्ठा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

 

 

फेसबुक और एप्पल के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, स्टीव जॉब्स को राह दिखाने वाले नीम करौली बाबा हमेशा एक कंबल ओढ़े रहते थे। मार्क जुकरबर्ग भी कैंची धाम आश्रम में आए। वह यहां दो दिन रुके थे।

 

 

फेसबुक के मुश्किल के दिनों में मार्क जुकरवर्ग, एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की सलाह पर इस मंदिर में आए थे। हॉलीवुड की अभिनेत्री जूलिया राबट्र्स भी नीम करौली बाबा की भक्त रहीं हैं। नीम करौली धाम को लेकर कई रोचक कथाएं प्रचलित हैं।

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एक कथा के अनुसार एक बार यहां 15 जून को विशाल भंडारे के दौरान घी कम पड़ गया तो बाबा के आदेश पर पास की नदी का पानी कनस्तरों में भरकर प्रसाद बनाया जाने लगा। प्रसाद में डालते ही पानी, घी में बदल गया।

 

 

इस जगह का नाम कैंची, यहां सड़क पर दो बड़े जबरदस्त मोड़ के नाम पर पड़ा है। कैंची धाम में हनुमान जी, राम-सीता और मां दुर्गा के मंदिर हैं। कैंची धाम बाबा नीम करौली और हनुमान जी की महिमा के लिए प्रसिद्ध है।

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कैंची धाम जिसे नीम किरौली धाम भी कहा जाता है, उत्तराखंड का एक ऐसा तीर्थस्थल है, जहां वर्षभर श्रद्धालुओ का तांता लगा रहता है। अपार संख्या में भक्तजन व श्रद्धालु यहां पहुचकर अराधना व श्रद्धा पुष्प श्री नीम किरौली के चरणों में अर्पित करते है।

 

 

हर वर्ष १५ जून को यहां एक विशाल मेले व भंडारे का आयोजन होता है। भक्तजन यहां पधारकर अपनी श्रद्धा व आस्था को व्यक्त करते है। कहते है कि यहां पर श्रद्धा एवं विनयपूर्वक की गयी पूजा कभी भी व्यर्थ नहीं जाती है।

 

 

यहां पर मांगी गयी मनौती पूर्णतया फलदायी कही गयी है। नीम करौली बाबा को यह स्थान बहुत प्रिय था। प्राय: हर गर्मियों में वे यहीं आकर निवास करते थे। बाबा के भक्तों ने इस स्थान पर हनुमान का भव्य मन्दिर बनवाया।

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उस मन्दिर में हनुमान की मूर्ति के साथ-साथ अन्य देवताओं की मूर्तिया भी हैं। अब तो यहा पर बाबा नीम करौली की भी एक भव्य मूर्ति स्थापित कर दी गयी है। यहा पर यात्रियों के ठहरने के लिए एक सुन्दर धर्मशाला भी है। यहा पर देश-विदेश के आये लोग प्रकृति का आनन्द लेते हैं।

 

 

 

जय नीम करौली महाराज।

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