ऊधमसिंहनगर जिले में जिला पशु क्रूरता निवारण समिति ने विश्व रेबीज दिवस पर टीकाकरण एवं जागरूकता अभियान…

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रुद्रपुर। जिला पशु क्रूरता निवारण समिति ऊधम सिंह नगर ने विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर रविवार को विशेष टीकाकरण एवं जागरूकता अभियान आयोजित किया। इस अवसर पर रेबीज बीमारी से जुड़ी भ्रांतियों को दूर किया गया और लोगों को समय पर टीकाकरण एवं सावधानियों के महत्व के बारे में जानकारी दी गई।

 

 

 

 

प्रथम बिष्ट (एनिमल एक्टिविस्ट) ने बताया कि विश्व रेबीज दिवस हर वर्ष 28 सितंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष 2025 की थीम है – “Act Now: You, Me, Community” जिसका उद्देश्य यह संदेश देना है कि रेबीज की रोकथाम किसी एक व्यक्ति की नहीं बल्कि हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि रेबीज संक्रमित जानवरों की लार से फैलता है, इसकी रोकथाम संभव है लेकिन इसके लिए जागरूकता बेहद आवश्यक है। बेज़ुबानो के प्रति दया करुणा हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी हैं।

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रेबीज क्या है?

रेबीज एक घातक वायरस है जो मनुष्य सहित सभी स्तनधारियों को प्रभावित करता है। कुत्तों के काटने के अलावा यह बीमारी बिल्ली, चमगादड़, बंदर, लोमड़ी, गधे, गाय-बकरी आदि की लार या खरोंच से भी फैल सकती है। एक बार लक्षण दिखाई देने के बाद यह प्राणघातक हो जाती है।

 

 

 

रेबीज के लक्षण

 

• पानी निगलने में कठिनाई

 

• तरल पदार्थ के सेवन से भय

 

• अत्यधिक घबराहट

 

• तेज बुखार और सिरदर्द

 

• नींद न आना

 

• अत्यधिक लार आना

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• आंशिक लकवा (Paralysis)

 

बचाव के उपाय

 

 

 

यदि किसी संक्रमित जानवर ने काटा या खरोंचा है तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर रेबीज टीका लगवाना आवश्यक है। साथ ही, अपने पालतू जानवरों का नियमित टीकाकरण कराना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।

 

 

 

डब्ल्यूएचओ के अनुसार हर साल दुनिया भर में 2.9 करोड़ से अधिक लोगों को मानव रेबीज का टीका लगाया जाता है। भारत में 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में लगभग 30–60% मामले सामने आते हैं, क्योंकि अक्सर इनके काटने की घटनाएं नज़रअंदाज कर दी जाती हैं।

 

 

 

गोवा जैसे कई राज्य आज रेबीज मुक्त हो चुके हैं। उत्तराखंड में भी इसी संकल्प के साथ कार्य प्रारंभ हुआ है। जिला प्रशासन एवं समिति का मानना है कि यदि सामूहिक प्रयास हों तो उत्तराखंड को भी रेबीज मुक्त बनाया जा सकता है। इसके लिए प्रशासन से अपेक्षा है कि जीव दया और जागरूकता के लिए सहयोग करे तथा स्ट्रीट डॉग्स को गोद लेने वाले दयालु नागरिकों को सम्मानित एवं प्रोत्साहित किया जाए।

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आज के जागरूकता अभियान में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष जोशी एवं वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. पी.के. पाठक के मार्गदर्शन तथा पशु पालन विभाग पुष्पेंद्र चौहान ने कुत्तों और बिल्ली को रेबीज का टीका लगाया गया।

 

 

 

अभियान में प्रथम बिष्ट, डॉ. अलका सिन्हा, चीना शर्मा, विमला देवी, सपना अरोड़ा, महेश्वर सिंह सहित कई समाजसेवी एवं नागरिक उपस्थित रहे।

 

 

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