Breaking:- शराब की ओवररेटिंग पर धामी सरकार सख्त, प्रदेशभर में विशेष अभियान के आदेश जारी

सीएम धामी शराब की ओवररेटिंग और नियमों के उल्लंघन को लेकर एक बार फिर सख्त नजर आ रहे हैं। सरकार की स्पष्ट मंशा है कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति या समूह कानून का उल्लंघन कर मुनाफा न कमा सके और न ही जनता को लूट सके। इसी क्रम में आबकारी विभाग द्वारा 21 मई से 24 मई तक एक विशेष अभियान चलाने जा रहा है, जिसमें राज्यभर में शराब की ओवररेटिंग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।।इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्रदेशभर में अधिकारियों की जिम्मेदारियां तय की गई हैं। रुड़की की कमान शिव प्रसाद व्यास को सौंपी गई है, जबकि हरिद्वार सिटी की जिम्मेदारी बिजेंद्र भंडारी को दी गई है। मसूरी और चकराता क्षेत्र, जनपद देहरादून की जिम्मेदारी संजय रावत को मिली है। सेक्टर 1 और 2, देहरादून का नेतृत्व सरोज पाल को सौंपा गया है।
इसके साथ ही प्रेरणा बिष्ट को देहरादून, हरिद्वार और टिहरी गढ़वाल के समस्त FL-5 डी एस / एम यूनिट्स की निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है। उधम सिंह नगर के रुद्रपुर क्षेत्र की जिम्मेदारी धीरेंद्र सिंह को सौंपी गई है, जबकि नैनीताल के रामनगर क्षेत्र की कमान सोनू सिंह के हाथ में है। नैनीताल मुख्य क्षेत्र की जिम्मेदारी महेंद्र सिंह बिष्ट को दी गई है।
काशीपुर और बाजपुर का कार्यभार उमेश पाल को सौंपा गया है, वहीं हल्द्वानी सेक्टर 2 की निगरानी दिवाकर चौधरी करेंगे। पौड़ी क्षेत्र एक और यमकेश्वर क्षेत्र चार की जिम्मेदारी समीर वीर सिंह बिष्ट को दी गई है। कोटद्वार की कमान अमित रावत को सौंपी गई है।
अभियान के तहत शराब की दुकानों पर छापेमारी की जायेगी और ओवररेटिंग व अवैध बिक्री के मामलों में सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। इस बार पकड़े जाने पर कई लाइसेंस रद्द करने के साथ ही भारी जुर्माना लगाने की तैयारी है। इससे यह स्पष्ट संदेश होगा कि सरकार किसी भी प्रकार की भ्रष्ट गतिविधियों के प्रति अब शून्य सहिष्णुता की नीति अपना रही है।
सरकार की इस कार्यवाही का उद्देश्य साफ है — जनता के हितों की रक्षा करना, सरकारी नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना और शराब कारोबार में पारदर्शिता लाना। यह अभियान ना केवल अवैध मुनाफाखोरी पर रोक लगाने के लिए है, बल्कि इससे सरकार की साफ-सुथरी और जवाबदेह छवि को भी बल मिल रहा है। सरकार के आदेश में चल रहा यह विशेष अभियान भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है। आने वाले समय में ऐसे अभियानों की आवृत्ति और सख्ती और भी बढ़ सकती है, जिससे राज्य में कानून व्यवस्था और व्यापारिक नैतिकता को और सुदृढ़ किया जा सके।