देहरादून: 19 मार्च से शुरू होगा ऐतिहासिक झंडा मेला, जानिए क्या हैं इसका महत्व

देहरादून का ऐतिहासिक झंडा मेला पंचमी के दिन 19 मार्च से झंडेजी के आरोहण के साथ शुरू हो जाएगा। इस पल के साक्षी बनने के लिए देश विदेश के हजारों संगत पहुंचेगी। इस दिन सुबह से पुराने झंडेजी को उतारने की प्रक्रिया शुरू होगी।
ध्वजदंड पर गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया और पूजा के बाद शाम तकरीबन पांच बजे दरबार साहिब के सज्जादानशीन देवेन्द्र दास महाराज के सानिध्य में झंडेजी का आरोहण होगा। झंडा मेले के लिए दरबार साहिब में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
श्री गुरु राम राय दरबार साहिब में हर वर्ष होली के पांचवें दिन झंडेजी के आरोहरण के साथ ऐतिहासिक मेला शुरू हो जाता है। जिसमें बड़ी संख्या में देश विदेश की संगत पहुंचती हैं। मेले की तैयारियों और संगत के ठहरने की व्यवस्था को लेकर मेला प्रबंधन समिति तैयारियों में जुट गई है। धार्मिक कार्यक्रमों की शुरूआत आठ मार्च से शुरू हो जाएगी।
श्री झंडा जी मेला आयोजन समिति श्री दरबार साहिब के मुख्य व्यवस्थापक मधुसूदन सेमवाल ने बताया कि जल्द ही बैठक होगी जिसमें मेला संबंधी कार्यक्रमों पर चर्चा कर उन्हें अंतिम रूप दिया जाएगा। संगत के लिए ठहरने की व्यवस्था सभी एसजीआरआर स्कूल, धर्मशालाओं के अलावा होटलों में की जाएगी। इन दिनों दरबार साहिब परिसर में रंग रोगन और सजावट का कार्य किया जा रहा है।
इस बार नए ध्वजदंड के साथ झंडेजी का आरोहण होगा। नए ध्वजदंड को दुधली के जंगल से लाकर श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल बाम्बे बाग परिसर में रखा गया है। शनिवार को यहां पर पंजाब से पहुंचे कारीगर व श्रद्धालुकर इसे तराशने में लगे हुए हैं। झंडे मेले में हर तीन वर्ष में झंडेजी के ध्वजदंड को बदलने की परंपरा रही है।
सिखों के सातवें गुरु श्री गुरु हर राय के बड़े पुत्र श्री गुरु राम राय महाराज का जन्म सन 1646 में पंजाब के कीरतपुर के होशियारपुर जिले में हुआ था। उन्होंने देहरादून को अपनी तपस्थली चुना और दरबार साहिब में लोक कल्याण के लिए विशाल झंडा लगाकर श्रद्धालुओं को ध्वज से आशीर्वाद लेने का संदेश दिया था। होली के पांचवें दिन चैत्रवदी पंचमी को श्री गुरु राम राय महाराज के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है और इसी दिन से झंडा मेला का आयोजन किया जाता है।