चारधाम यात्रा:बदरीनाथ-केदारनाथ धाम में मोबाइल फोन बैन, रिल्स बनाने पर 5000 रुपये का जुर्माना निर्धारित किया

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उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए बहुत बड़ा अपडेट सामने आया है। श्रद्धालुाओं के लिए मंदिर परिसर में दर्शन के दौरान बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति-बीकेटीसी की ओर से सख्त गाइडलाइन जारी की गई है।

 

बदरीनाथ के बाद अब केदारनाथ धाम में मोबाइल फोन से रील्स बनाने पर सख्ती का ऐलान किया गया है। गाइडालन का उल्लंघन करने वाले तीर्थ यात्रियों के खिलाफ सख्त ऐक्शन लेने के साथ ही जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया गया है।

 

 

विदित हो कि गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट आज 30 मई को अक्षय तृतीय के अवसर पर खुलने के साथ ही उत्तराखंड चारधाम यात्रा की विधिवत शुभारंभ हो गया है। जबकि, केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई और बदरीनाथ व श्री हेमकुंड साहिब के कपाट 4 मई और 25 मई को दर्शनार्थ खोले जाएंगे।

 

 

तीर्थ यात्रियों के लिए जारी गाइडलाइन के अनुसार, केदारनाथ मंदिर परिसर के 30 मीटर के दायरे में मोबाइल के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके बावजूद रील, फोटो शूट करने वालों के मोबाइल फोन समेत उपकरणों को जब्त कर लिया जाएगा। बदरीनाथ के बाद बीकेटीसी ने केदारनाथ के लिए भी सख्त नियम बना दिए हैं।

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बीकेटीसी की ओर से इस बाबत बोर्ड भी लगाए जाएंगे। इन बोर्ड में मोबाइल इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने की स्पष्ट सूचना जारी की जाएगी। बदरीनाथ धाम में गर्भगृह समेत मंदिर परिसर में मोबाइल के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया गया है।

 

 

 

बदरीनाथ धाम में जिला प्रशासन और बीकेटीसी ने मोबाइल इस्तेमाल पर 5000 रुपये का जुर्माना निर्धारित किया है। इस व्यवस्था को सख्ती के साथ लागू कराया जाएगा, ताकि मंदिर परिसर में अनावश्यक भीड़ न एकत्र हो।

 

 

भीड़ नियंत्रित के साथ ही चारों धामों की गरिमा को प्रभावित करने वाले यूट्यूबर एवं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर पर नजर रहेगी। बीकेटीसी के सीईओ विजय थपलियाल ने बताया कि बदरीनाथ के बाद केदारनाथ में फोन के इस्तेमाल पर सख्ती की गई है।

 

 

केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने बताया कि इस बार यात्रा को और भी बेहतर ढंग से संचालित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। तीर्थयात्रियों की की सुरक्षा, सुविधा और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।

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केदारनाथ पैदल रूट मार्ग पर रात्रि के समय समुचित रोशनी की व्यवस्था होगी। ठंड से बचाव के लिए अनेक स्थानों पर अलाव के साथ गर्म पानी की सुविधा दी जाएगी। यात्रा के सभी पड़ावों पर बेहतर साफ-सफाई की विशेषतौर से फोकस किया जाएगा।

 

 

 

केदारनाथ दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों को दर्शन करने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा। पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि केदारनाथ में संगम ब्रिज के समीप टोकन काउंटर लगाए जा रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन में आसानी हो।
उन्होंने बताया कि पूर्व वर्षों में यात्रियों की भारी भीड़ के चलते मंदिर में दर्शन के लिए 3 से 4 घंटे का समय लग जाता था किंतु इस बार दर्शन में अधिकतम 1 घंटे की समय सीमा रखी गई है।भीड़ नियंत्रण के लिए एक बेहतर डाइवर्जन प्लान भी तैयार किया गया है।

 

 

भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली पैदल यात्रा के दूसरे पड़ाव में देर सांय फाटा पहुंच गई है। इस मौके पर भक्तों के उत्साह एवं 6 ग्रेनेडियर रेजीमेंट की बैंड की बुनों के बीच बम बम भोले और जय बाबा केदार के जयघोषों से सम्पूर्ण माहौल भक्तिमय हो गया।

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जगह जगह पर डोली का स्थानीय लोगों ने स्वागत किया जबकि फाटा में बड़ी संख्या में लोग डोली के स्वागत के लिए मौजूद थे। बीते सोमवार को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से केदारनाथ के लिए रवाना हुई बाबा केदार की डोली पहले पड़ाव में गुप्तकाशी में ठहरी थी।

 

 

जबकि मंगलवार सुबह पूजा अर्चना के बाद डोली ने फाटा के लिए प्रस्थान किया। फाटा में पंचकेदार सेवा सांस्कृतिक मंच ने भजन-कीर्तन का आयोजन किया जिसमें केदारघाटी के विभिन्न गांवों की 16 कीर्तन मंडलियों ने प्रतिभाग किया।

 

 

बता दें कि बुधवार 30 अप्रैल को बाबा केदार की डोली गौरीकुंड पहुंचेगी। जबकि यहां पूजा अर्चना के बाद डोली 1 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी। जहां 2 मई को पूजा अर्चना और विधि-विधान के साथ 2 मई सुबह 7 बजे केदारनाथ धाम के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।