बद्रीनाथ, मंगलौर, उत्तराखंड की 70 विधानसभाओं पर बॉबी की नजर, बॉबी ने चलाया युवाओं को जोड़ने का अभियान….
सोशल मीडिया पर बद्रीनाथ से विधायक पद पर बेरोजगार संघ के सचिव सजेंद्र कठेठ के निर्दलीय बॉबी की तरह दावेदारी पेश करने का किया जा रहा दावा।
उत्तराखंड–बेरोजगार युवाओं की आवाज बनकर प्रदेश में उबरे लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड के सबसे चर्चित प्रत्याशी बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पवार ने उत्तराखंड का सियासी माहौल एक बार फिर से गर्मा दिया है, टिहरी लोकसभा में निर्दलीय सांसद प्रत्याशी के तौर पर बॉबी पवार ने सत्ताधारी दलों ही नहीं बल्कि विपक्षी दलों की क्षेत्र में जमानत जपती जैसी स्थिति पैदा कर दी है।
आलम यह था कि चुनाव प्रचार के दौरान जब वर्तमान मंत्री गणेश जोशी व निवर्तमान सांसद माला राजलक्ष्मी शाह जब गढ़ी कैंट पहुंचे तो पूर्व सैनिकों ने न सिर्फ उन्हें वहां से उल्टा दौड़ा दिया बल्कि बॉबी पवार जिंदाबाद के नई लगने लगे।
इसके बाद तो मानो टिहरी लोकसभा में बॉबी की लहर सी चल गई ।भाजपा के कार्यक्रमों में भीड़ जुटाना मुश्किल होता रहा, टिहरी की एक जनसभा में वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लोगों को जबरन बैठाने को कहते नजर आए, पर जब मीडिया वालों ने कैमरा घूमाना शुरू किया तो उन्होंने कहा कि जिनको जाना है उन्हें जाने दिया जाए।
इसके बाद तो मानो टिहरी बॉबीमय व पीले रंग में रंगा नजर आने लगा था। अब परिणाम जो भी वो ईवीएम में 4जून को खुलेंगे पर जनता की लाखों में भीड़ ने बॉबी को एक मजबूत प्रत्याशी के तौर पर टिहरी में स्थापित किया।
जहां एक ओर निर्दलीय प्रत्याशी को सत्ता में बैठी भाजपा के नेता ही टक्कर में नहीं मान रहे थे वही बतौर सांसद प्रत्याशी बॉबी पवार राष्ट्रीय दलों के मुकाबले सीधी टक्कर देते नजर आए पर बॉबी ने टीवी चुनाव के दौरान ही स्पष्ट कर दिया था कि टिहरी अंत नहीं बल्कि शुरुआत है इसका प्रत्यक्ष उदाहरण राष्ट्रीय चैनल आज तक पर बॉबी के दिए गए बयान से साफ किया जा सकता है।
बॉबी ने आजतक पर इंटरव्यू में जब राष्ट्रीय पत्रकार अंजना ओम कश्यप ने सवाल किया कि एक सीट जीतने के बाद क्या बदलाव लाएंगे तो बॉबी ने स्पष्ट किया था कि वह एक सीट नहीं बल्कि 14 विधानसभाओं के विधायक जीत रहे हैं, इसके बाद सरकार में नीतियां उनके हिसाब से बनेगी।
इस बयान ने उसे समय तो सियासी रंग काम पड़ा मगर अब इस बयान के मायने साफ होते नजर आ रहे हैं जब बद्रीनाथ व मंगलौर में उपचुनाव के साथ निकाय चुनाव नजदीक आ रहे है विशेषज्ञों की माने तो बॉबी पवार मंगलौर बद्रीनाथ के साथ-साथ निकाय चावन में भी अपने प्रत्याशी निर्दलीय तौर पर उतर सकते हैं और अपने बयान से इतर केवल 14 विधानसभाओं में नहीं बल्कि अपने बयान को और व्यापक रूप देते हुए 2027 में उत्तराखंड में आगामी चुनाव के दृष्टिगत बॉबी पवार ने अपनी कोर टीम से कमर कसने के आदेश दे दिए हैं। साथ ही उन्होंने पूरे प्रदेश में व्यापक सदस्यता अभियान शुरू कर दिया है।
बताते चलेगी टीम बॉबी पवार से बद्रीनाथ उपचुनाव के लिए सोशल मीडिया पर सबसे चर्चित नाम बेरोजगार संघ के सजेंद्र कठेठ का चल रहा है सजेंद्र कठेठ बेरोजगार संघ के सचिव रहते हुए बेरोजगार संघ की सारी कानूनी व कई गतिविधियां देखते हैं उनकी उपलब्धियां की बात की जाए तो बेरोजगार संघ के कोर टीम के सदस्य पीयूष जोशी के साथ मिलकर उन्होंने प्रदेश में आरटीआई को ऑनलाइन करवाया, साथ ही पीसीएस सिलेबस बदलाव में सजेंद्र कठेठ व पीयूष ने साथ मिलकर सरकार को ड्राफ्ट भेजा जिस निर्धारित ड्राफ्ट के आधार पर पीसीएस में प्रदेश के स्थानीय विषयो को सम्मिलित किया जा सका।
इसके अलावा बेरोजगार संघ के तमाम घोटालों को उजागर करने में कागजी दस्तावेजी कार्य सजेंद्र कठेठ ही संभालते हैं। परंतु बद्रीनाथ उपचुनाव कि जैसे ही चर्चाएं निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू की गई तो तत्काल बेरोजगार संघ की सोशल मीडिया टीम द्वारा सजेंद्र कठेठ का नाम पूरे प्रदेश में चर्चाओं मे उछाल दिया गया, फिलहाल बेरोजगार संघ या बॉबी पवार की तरफ से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, पर इन पोस्टों के बाद सजेंद्र कठेठ की दावेदारी को मजबूती कल बॉबी द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट ने कर दी, जिसमें उन्होंने स्पष्ट तौर पर बद्रीनाथ हुआ पूरे प्रदेश से युवाओं को टीम बॉबी पवार में जुड़ने का आवाहन किया।
इसके लिए बॉबी ने बाकायदा एक लिंक भी जारी किया जो गूगल फॉर्म का है जो इस प्रकार है: https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSdiagvv8y9cOwaxvSuKr8EgBVvZN4fLuViRkYOlJ66J0GAzFg/viewform?pli=1
इधर बेरोजगार संघ के सक्रिय होते ही राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जिस प्रकार टिहरी की सीट असमंजस में फस गई, कहीं बद्रीनाथ के साथ मंगलौर उपचुनाव भी भाजपा, कांग्रेस के हाथों से ना निकल जाए और बेरोजगारों के हाथो में न आ जाए।
पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी जहां एक और भाजपा से प्रत्याशी हो सकते हैं तो कांग्रेस की ओर से अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, वहीं तीसरे विकल्प के तौर पर सजेंद्र कठेठ क्या युवाओं की ओर से दावेदारी करेंगे यह देखने लायक होगा।
इस बात में तो कोई दौरा ही नहीं है कि अब प्रदेश में क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की आकांक्षाएं केवल और केवल बॉबी पवार के कंधों पर टिकी नजर आ रही है 6 क्षेत्रीय दलों के गठबंधन उत्तराखंड रीजनल पार्टी एलियांज उत्तराखंड क्रांति दल सहित उत्तराखंड के तमाम राजनीतिक संगठन एक नया संगठन भी तैयार कर सकते हैं।
ऐसे कयास राजनीतिक विश्लेषक लग रहे हैं कुल मिलाकर उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के बाद बतौर तीसरा विकल्प बॉबी पवार का उभरना तय माना जा रहा है उसके साथ-साथ क्षेत्रीय मुद्दों व क्षेत्र वाद के साथ-साथ उत्तराखंड की स्थानीय समस्याओं के आधार पर चुनाव लड़ने वाले लोगों को बॉबी के रूप में एक आशा की किरण उभरती नजर आ रही है।