ब्रेकिंग नैनीताल– सफाई कर्मियों की हड़ताल पर माननीय उच्च न्यायालय ने कार्यवाही के दिए सख्त आदेश।
नैनीताल– उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी में कूड़ा फैलने को गम्भीरता से लेते हुए कहा कि जो कूड़ा गाडियां सफाई कर्मचारियों ने कब्जे में ले ली हैं उसको आज ही मुक्त कराएं।
खंडपीठ ने कहा है कि अगर सफाई कर्मचारी, कूड़ा गाडी को रिलिज नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ़ एफ.आई.आर.दर्ज की जाए।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खंडपीठ ने कहा कि ये स्वीकार नहीं किया जा सकता है कि पूरे शहर को बंधक बना लिया गया है। न्यायालय ने अपने आदेश में एस.एच.ओ.को कहा है कि सभी हड़ताली 7 यूनियनों को नोटिस करें और अब इस मामले की सुनवाई 30 नवम्बर को होगी।
नैनीताल जिले के हल्द्वानी में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण शहर कूड़ादान बन गया है। जगह जगह कूड़े का अंबार देखा जा सकता है। इससे आहत होकर हल्द्वानी निवासी दिनेश कुमार चंदोला ने एक जनहित याचिका दायर की।
आज मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सरकार समेत नगर निगम को कहा है कि वो सफाई के लिये वैकल्पिक व्यवस्था करें और किसी भी तरह की अड़चन फैलाने के लिए सफाई कर्मचारियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करें। न्यायालय ने नैनीताल के एस.एस.पी.को निर्देश दिए हैं की अगर जरूरत पड़े तो वो क्रिमनल कार्रवाई के लिए भी स्वतंत्र है।
आपको बता दें की दिनेश चंदोल ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल कर कहा था कि पिछले 4 दिनों से हल्द्वान में सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इसके कारण शहर में जगह जगह कूड़ा फैला हुआ है। याचिका में कहा गया है कि शहर में डेंगू फैला है, इससे बिमारियों का खतरा और भी बढ गया है।
इतना ही नहीं याचिका में ये भी कहा गया है कि इस कचरे को जानवर खा रहे हैं और शहर में बदबू फैल रही है। याची ने शहर में सफाई व्यवस्था की प्रार्थना की है। बता दें कि 24 नवम्बर से 7 सफाई यूनियन हड़ताल पर हैं। उनकी मांग है कि उनकी सैलरी समेत अन्य को पूरा किया जाए। हड़ताली कर्मचारियों ये भी कहा कि नगर निगम ने कूड़ा निस्तारण के लिये जो ‘बैणी सेना’ बनाई है, उसको भी हटाया जाए।