Breaking:- कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन, सचिन पायलट सहित पार्टी के दिग्गज नेता पहुंचे देहरादून

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प्रदेश कांग्रेस ने संविधान बचाओ रैली से भाजपा सरकार के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन किया। आज बुधवार को रैली के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता एकजुट हुए। प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा और सचिन पायलट समेत पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं ने रैली में शामिल होकर कार्यकर्ताओं में जोश भरा।

 

 

देहरादून के रेंजर्स ग्राउंड में संविधान बचाओ रैली में कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी। मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा की अध्यक्षता में पार्टी नेताओं ने रैली स्थल का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया था।

 

 

रैली को प्रदेश प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव कुमारी शैलजा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, सह प्रभारी सरदार परगट सिंह, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत समेत अन्य पार्टी नेता संबोधित किया।

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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने बुधवार को संविधान बचाओ रैली के औचित्य पर सवाल उठाए। उन्होंने रैली को चारधाम यात्रा में विघ्न डालने की कोशिश करार दिया। भट्ट ने कहा कि कांग्रेस में थोड़ी सी भी नैतिकता शेष है तो राज्यहित और देश हित में उसे अपना यह कार्यक्रम रद्द करना चाहिए और यात्रा में सहयोग के लिए आगे आना चाहिए।

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भट्ट बुधवार को प्रदेश पार्टी कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। भट्ट ने कहा कि कांग्रेस का संविधान के मुद्दे को उठाना, बिल्ली के सौ चूहे खाकर हज पर जाने जैसा है। उन्होंने कांग्रेस के अभियान की टाइमिंग और औचित्य पर सवाल खड़े किए। कहा कि सभी जानते हैं कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिक रीढ़ का काम करती है।

 

 

 

जब यात्रा शुरू हो रही है तो ऐसे में मुख्य विपक्षी पार्टी का राजनैतिक कार्यक्रम करना उनके नकारात्मक रुख को स्पष्ट करता है। कांग्रेस पार्टी नहीं चाहती कि राज्य का विकास जारी रहे। इसलिए वह यात्रा व्यवस्था में जुटे प्रशासन और आम लोगों के प्रयासों में विघ्न डालने के लिए यह कार्यक्रम करना चाहती है।

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विगत वर्ष में भी यात्रा प्रभावित करने के लिए कांग्रेस ने इसी तरह के अनेकों राजनैतिक प्रपंच किए थे। जो यात्रा के अंतिम दिनों तक केदारनाथ प्रतिष्ठा यात्रा के रूप में जारी रहे। कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति नॉन स्टॉप जारी है। उन्होंने आरोप लगाया कि संविधान बचाने का दावा करने वाली कांग्रेस के हाथ लोकतंत्र और संविधान के खून से रंगे हुए हैं। देश के लोकतांत्रिक इतिहास में आपातकाल सबसे काला अध्याय है।