बिग ब्रेकिंग उत्तराखंड–वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ/साईबर के नेतृत्व में पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, टीम ने 36 लाख रुपये से अधिक की साईबर ठगी के मास्टरमाइंड को नोएडा से किया गिरफ्तार…

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उत्तराखंड/ देहरादून–एसटीएफ/साईबर पुलिस ने 36 लाख रुपये से अधिक की साईबर ठगी का मास्टरमाइंड को नोएडा से गिरफ्तार किया है।

पुलिस की तमाम टीम लगातार उत्तर प्रदेश, दिल्ली व एनसीआर के विभिन्न ईलाको में छापेमारी कर रही थी, 12 दिन से भी अधिक लगभग दिल्ली एनसीआर में साईबर थाना टीम ने डेरा डाला हुआ था।

अभियुक्त इन्सोरेन्स कम्पनी का फर्जी अधिकारी बनकर लोगों से इन्वेस्ट कर मुनाफा कमाने का लालच देकर लाखों की धोखाधड़ी करता था। सोशल मीडिया प्लेटफार्म (यूटयूब, फेसबुक, इन्स्टाग्राम आदि) में इन्फ्लुएंसर व फ्रीलांस डिजिटल मार्केटिंग का काम भी करता था।

सोशल मीडिया पर हैं अभियुक्त के लाखों फालोवर..

पुलिस के अनुसार अभियुक्त दो माह पूर्व दिल्ली के तिहाड़ जेल से छूटकर आया हैं। इससे पहले भोपाल, मध्य प्रदेश पुलिस ने भी किया हैं गिरफ्तार। कई राज्यो की पुलिस को भी इसकी तलाश हैं।

एक पुरानी कहावत हैं “लालच बुरी बला है”

यह कहावत आज के आधुनिक युग में भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी की पहले थी। साईबर अपराधी भी ठगी के लिये इसी कहावत का भरपूर फायदा उठा रहे है।

इसी कहावत को चरितार्थ करते हुऐ एक मामले में सिडकुल पन्तनगर जिला उधम सिंह नगर स्थित एक फैक्ट्री में प्लांट हेड के रुप मे कार्यरत व्यक्ति से साईबर अपराधियों ने उसके द्वारा पूर्व में करायी गई इन्सोरेन्स पालिसियों को रिन्यूवल नही कराने पर पालिसियों को रद्द करने में मदद करने के नाम पर प्रीमीयम के रुप में जमा सम्पूर्ण धनराशि को वापस कराने तथा फिर उसी धनराशि से अधिक मुनाफा कमाने का लालच देकर इन्वेस्ट करने के नाम पर कुल 36 लाख से अधिक की धनराशि की ठगी गयी।

अभियुक्तो द्वारा पीड़ित से पहले तो बन्द पड़ी बीमा पालिसियों को धनराशि वापस कराने में मदद करने का झांसा दिया गया तथा उसकी प्रीमियम के तौर पर जमा धनराशि लगभग (06 लाख रुपये) को वापस करने हेतु 37 हजार रुपये की धनराशि अपने खाते में जमा करायी फिर उस धनराशि को जीएसटी, क्लीरेन्स कराने के नाम पर और धनराशि जमा करायी गई, फिर पीड़ित के खाते को पहले सिल्वर तथा फिर प्लेटिनम कैटेगिरी व एनआरआई कैटेगिरी में रखते हुये अधिक मुनाफा कमाने का लालच देकर अलग अलग किस्तो में लगभग 36 लाख रुपये से अधिक की धनराशि अपने खातों मे जमा करा ली गयी।

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सबूत के तौर पर साईबर अपराधियों ने पीड़ित को 94 लाख व 67 लाख रुपये की धनराशि के दो चैक भी भेजे गये। साईबर ठगी की शिकायत प्राप्त होने पर साईबर क्राईम थाना कुमाऊं परिक्षेत्र में अभियोग पंजीकृत किया गया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड द्वारा मामले की गम्भीरता को दृष्टिगत श्री सुमित पाण्डेय, पुलिस उपाधीक्षक, एस0टी0एफ0 / साईबर के पर्यवेक्षण में अभियोग की विवेचना ललित मोहन जोशी प्रभारी निरीक्षक साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन कुमाऊं परिक्षेत्र के सुपुर्द कर टीम गठित की गयी।

गठित साईबर पुलिस टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बरों के बारे में सम्बन्धित कम्पनियों से पत्राचार कर आई0डी0 के डिटेल्स प्राप्त किये गये तो जानकारी हुयी कि विभिन्न मोबाईल नम्बर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व पश्चिमी बंगाल राज्य के व्यक्तियों के नाम से प्रयोग किये जा रहे थे।

इन मोबाईल नम्बरों की लोकेशन प्राप्त की गयी तो यह नम्बर नोएडा तथा दिल्ली से संचालित किये जा रहे थे। वादी को जिस ईमेल एकाउन्ट से मेल किये जा रहे थे, वह मेल आईडी भी नोएडा से संचालित की जा रही थी। अभियोग में वादी मुकदमा से धोखाधड़ी से जो धनराशि जिन बैंक खातो में प्राप्त की गयी विवेचना से उक्त खाते में अंकित पते नोएडा, उत्तर प्रदेश व दिल्ली से सम्बन्धित पाये गये।

घटना में प्रयुक्त बैंक खाते व मोबाईल नम्बरों के तकनीकी विश्लेषण हेतु टेलीकॉम कम्पनियों से प्राप्त विवरण का गहनता से विश्लेषण के पश्चात पता तस्दीक व पतारसी सुरागरसी साक्ष्य संकलन हेतु पुलिस टीम को दिल्ली, एनसीआर व उत्तर प्रदेश राज्य रवाना किया गया। जिस दौरान पुलिस टीम को काफी अहम सुराग हाथ लगे।

पुलिस टीम द्वारा 12 दिन तक लगातार दिल्ली, एनसीआर व उत्तर प्रदेश में कार्य करते हुये घटना के सरगना साईबर अभियुक्त वेद प्रकाश मौर्य पुत्र रामनुज कुशवाहा निवासी ग्राम गौरा पोस्ट अकोढा, तहसील करछना थाना कौंधियारा जिला इलाहाबाद हाल निवासी फ्लैट न0 911, टावर बी, गौड़ सिटी –2, 10 एवेन्यू थाना बिसरख जिला गौतमबुद्ध नगर उत्तर प्रदेश को चिन्हित करते हुये उसकी रेकी की गयी।

रेकी में पुलिस टीम को जानकारी हुयी कि अभियुक्त साईबर ठगी की घटना को अंजाम देने के लिये लगातार अपने ठिकाने बदलता रहता था। वह रहता तो ग्रेटर नोएडा में था, परन्तु साईबर ठगी हेतु अलग अलग मोबाईल नम्बरो व सिम कार्ड का प्रयोग दिल्ली मे आकर करता था और वापस आने से पहले वह सभी मोबाईल फोन व सिम नम्बरो का बन्द कर देता था। जिससे कि वह पुलिस की पकड़ से बचा रह सके। साईबर पुलिस टीम द्वारा उन्नत तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुये अभियुक्त वेद प्रकाश मौर्य पुत्र रामनुज कुशवाहा निवासी उपरोक्त को दिनांक 22-07-2023 को उसके घर से गिरफ्तार किया गया।

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अभियुक्त की तलाशी में 06 मोबाईल फोन, कई सिम कार्ड व चैक बुक व FDIE कम्पनी की सील मुहर बरामद हुये है। अभियुक्त से पूछताछ पर यह तथ्य प्रकाश में आये कि अभियुक्त अपने साथियों के साथ मिलकर इन्सोरेन्स कम्पनी का डेटा प्राप्त करते थे तथा उस डेटा से फर्जी आईडी पर प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्डो का प्रयोग करते हुये बीमा पालिसी धारको को फोन तथा ईमेल आदि से सम्पर्क कर स्वंय को बीमा कम्पनी का अभिकर्ता बताते हुये उनके बीमा पालिसियों की धनराशि की निकासी में मदद करने अथवा अधिक मुनाफा कमाने का लालच देते हुये इन्वेस्ट करने का झांसा देते थे।

इसके साथी ठगी की धनराशि की निकासी हेतु बैंक खाते उपलब्ध कराते थे। इन्ही बैंक खातो में ये ठगी की धनराशि जमा कराते थे तथा एटीएम के माध्यम से निकासी कर लेते थे।

अभियुक्त ने रुद्रपुर निवासी व्यक्ति से ठगी की घटना की स्वीकारोक्ती की है तथा अभियुक्त के कब्जे से घटना में प्रयुक्त मोबाईल फोन व अन्य साक्ष्य बरामद हुये है। पूछताछ में कई अहम सुराग हाथ लगे है। जिससे निकट भविष्य में गिरोह के अन्य सदस्यों की भी गिरफ्तारी की जायेगी।

सम्भावना है कि इन अभियुक्तों द्वारा भारत वर्ष में कई अन्य लोगों को भी धोखाधड़ी कर शिकार बनाया गया हो, जिसके सम्बन्ध में अन्य राज्यो की पुलिस से भी सम्पर्क किया जा रहा है। अभियुक्त सोशल मीडिया प्लेटफार्म में इन्फ्लुएंसर का काम करता है और सोशल मीडिया पर अभियुक्त के लाखों फालोवर है।

अभियुक्तो को माननीय न्यायालय पेश किया जा रहा है। अभियुक्त की गिरफ्तारी मे एएसआई सत्येन्द्र गंगोला व आरक्षी मुहम्मद उस्मान की विशिष्ट भूमिका रही।

अपराध का तरीका

अभियुक्त द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर बीमा कम्पनी का डेटा प्राप्त कर उस डेटा में ऐसे मोबाईल नम्बरों को चिन्हित करते थे, जिनके द्वारा अपनी बीमा पालिसियों के सम्बन्ध में कस्टमर केयर से बात की गयी हो। फिर ऐसे बीमा पालिसी धारको से फर्जी आई0डी0 के सिम कार्ड का प्रयोग कर स्वंय को बीमा कम्पनी का अभिकर्ता बताते हुये बात की जाती थी तथा उनकी बीमा पालिसी की धनराशि निकालने में मदद करने के नाम पर क्लिरेन्स, जीएसटी आदि शुल्क के नाम पर धनराशि को बैंक खातो में जमा करवाते थे।

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साईबर ठगों द्वारा पीड़ित को उनके प्लान के मुताबिक शेयर मार्केट में इनवेस्ट कर अधिक मुनाफा कमाने का लालच देकर धनराशि अपने बैंक खातो में जमा करवा कर ठगी की घटना को अंजाम दिया जा रहा था।

इस कार्य हेतु फर्जी आई0डी0 के मोबाईल नम्बरो तथा फर्जी जीमेल एकाउन्ट का प्रयोग कर अभियुक्तगण कम्पनी के अधिकारी बनकर पीड़ित को ईमेल, वाट्सअप व फोन कॉल करते थे। ठगी की धनराशि के निकासी हेतु भी फर्जी आई0डी0 के बैंक खातो का प्रयोग किया जा रहा था।

गिरफ्तार अभियुक्त

(1) वेद प्रकाश मौर्य पुत्र रामनुज कुशवाहा निवासी ग्राम गौरा पोस्ट अकोढा, तहसील करछना थाना कौंधियारा जिला इलाहाबाद हाल निवासी फ्लैट न0 911, टावर बी, गौड़ सिटी–2, 10 एवेन्यू थाना बिसरख जिला गौतमबुद्ध नगर उत्तर प्रदेश बरामदगी-1- मोबाइल फोन- 072- विभिन्न कम्पनी के सिम कार्ड ।3- चैक बुक आदि4- FDIE कम्पनी की सील मुहर

पुलिस टीम

1- निरीक्षक श्री ललित मोहन जोशी

2- ASI सत्येन्द्र गंगोला

3- मु0आ0 मनोज कुमार

4- आरक्षी मोहम्मद उस्मान

5- आरक्षी रवि बोरा प्रभारी एस0टी0एफ0।

उत्तराखण्ड द्वारा जनता से अपील की है कि वे सोशल मीडिया के इस्तेमाल में सावधानी बरतें । किसी भी आकर्षक/लुभावने व कम समय में अधिक मुनाफा प्राप्त करने वाले विज्ञापनों के झांसे में न आयें ।

सोशल मीडिया पर अंजान व्यक्ति / महिला की रिक्वेस्ट स्वीकार न करें । किसी भी प्रकार के उपहार/ लक्की ड्रॉ, डिस्काउन्ट, लॉटरी, पॉलिसी में बोनस के प्रलोभन में न आयें । भारी मात्रा में विदेशी धनराशि के लालच में आकर धनराशि देने तथा अपनी व्यक्तिगत जानकारी व महत्वपूर्ण डाटा शेयर करने से बचना चाहिये। ।

कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें।