बिग ब्रेकिंग–UKSSSC ने अचानक स्थगित की 5 अक्टूबर की परीक्षा, अधूरी तैयारियों और अभ्यर्थियों की मांग बनी वजह…

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देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने बुधवार शाम एक अप्रत्याशित फैसले में 5 अक्टूबर को होने वाली सहकारी निरीक्षक वर्ग-2 और सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) की स्नातक स्तरीय परीक्षा को स्थगित कर दिया।

 

 

आयोग ने इसका कारण अधूरी तैयारियां और अभ्यर्थियों की मांगों को बताया है। यह निर्णय हाल के पेपर लीक प्रकरण और SIT व CBI जांच की सिफारिशों के बीच आयोग की विश्वसनीयता पर उठ रहे सवालों के बाद लिया गया है।UKSSSC पहले पूरी पारदर्शिता और कुशलता के साथ परीक्षा आयोजित करने का दावा कर रहा था।

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आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने मंगलवार को कहा था कि सभी तैयारियां पूरी हैं और अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र पर दो घंटे पहले पहुंचना होगा। बोर्ड की बैठक और मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में हुई समीक्षा में भी तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया था। लेकिन अचानक बुधवार शाम को परीक्षा स्थगित करने की घोषणा ने अभ्यर्थियों को हैरान कर दिया।

 

 

 

 

आयोग के सचिव डॉ. शिव कुमार बरनवाल ने बताया, “अभ्यर्थियों के सुझाव और फीडबैक के आधार पर, साथ ही आयोग की ओर से तैयारियों को और पुख्ता करने के लिए यह फैसला लिया गया है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 12 अक्टूबर को होने वाली अन्य परीक्षाओं पर निर्णय बाद में लिया जाएगा। हालांकि, आयोग ने नई तारीखों का ऐलान नहीं किया, जिससे अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

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पिछले कुछ समय से UKSSSC स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामले में विवादों के घेरे में है। इस प्रकरण में SIT और CBI जांच की सिफारिशें हुई हैं, जिसने आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। स्थानीय अभ्यर्थियों का कहना है कि बार-बार स्थगन से उनकी तैयारी और मनोबल पर असर पड़ रहा है।

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एक अभ्यर्थी ने कहा, “हम महीनों से मेहनत कर रहे हैं, लेकिन अचानक स्थगन से अनिश्चितता बढ़ गई है।”आयोग ने अभ्यर्थियों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है और आश्वासन दिया है कि जल्द ही नई तारीखों की घोषणा की जाएगी। इस बीच, परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने की बात भी कही जा रही है। यह मामला उत्तराखंड में सरकारी भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रहा है।

 

 

 

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