बिग ब्रेकिंग–पुष्कर धामी सरकार नए प्रस्ताव पर कर रही मंथन, राज्य में इस वजह से बिगड़ गया बाघों का संतुलन, पढ़िए यह विशेष खबर…
उत्तराखंड में बाघों की संख्या 442 से बढ़कर 560 हो गई थी। इसके बाद नवंबर से दिसंबर के बीच खटीमा, टनकपुर, रामनगर और भीमताल में पांच लोगों की जान चली गई। इसके बाद बाघ अल्मोड़ा से आगे ठंडे जंगल तक पहुंच गया।
ऐसे में वन विभाग के शीर्ष अधिकारी सीएम पुष्कर धामी के निर्देश पर अन्य राज्यों से प्रस्ताव आने पर शिफ्टिंग पर विचार की बात कह रहे हैं।
बाघों को दूसरे राज्यों में शिफ्ट करने की प्रक्रिया इतनी आसान नहीं होगी। पहले यह देखना होगा कि संबंधित राज्य में उनके रहने के वासस्थल की स्थिति कैसी होगी। उस क्षेत्र में बाघों के सुरक्षित रहने की संभावना का आकलन होगा।
उसके अनुकूल जैव विविधता व भोजन अहम मानक होगा। इसके बाद केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय संग राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण तक से अनुमति लेनी होगी।
मध्य प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा, गोवा, अरुणाचल, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, केरला, असम आदि राज्यों में बाघ की मौजूदगी है। शीर्ष तीन में मध्य प्रदेश, कर्नाटक और उत्तराखंड आते हैं।
डा. समीर सिन्हा, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालकराजस्थान के प्रस्ताव का तकनीकी परीक्षण चल रहा है। देश के अन्य राज्यों से बाघों की शिफ्टिंग का प्रस्ताव आने पर भी विचार किया जा सकता है। इसके लिए भारत सरकार और एनटीसीए की अनुमति की जरूरत भी पड़ेगी।