बिग ब्रेकिंग–नगर निगम से ई-रिक्शा चलाने के लिये लेना होगा लाइसेंस, नगर निगम काशीपुर ने बाॅयजाल लागू कर लगाया 25/- दैनिक तथा 1000 रूपये वर्षिक शुल्क…

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काशीपुर। नगर निगम क्षेत्र में ई-रिक्शा चलाने वालों को अब आर.टी.ओ. के अतिरिक्त नगर निगम अधिकारियों से भी लाइसेंस लेना होगा तथा वार्षिक लाइसेंस शुल्क रू. 1000/- तथा दैनिक 25 रू. शुल्क देना होगा। ई-रिक्शा चालक न तो एल्कोहल वाले द्रव तथा निषेध द्रव का सेवन करेगा और न ही ई-रिक्शा में बैठने वाली सवारी को करने देगा।

 

 

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने राजकीय मुद्रणालय से उत्तराखंड गजट की प्रतियां चाही थी। इसके उत्तर में उत्तराखंड गजट के 26 जुलाई 2025 के गजट खंड-26 संख्या 30 की प्रति उपलब्ध करायी गयी है। इसके पृष्ठ 323 से 326 तक नगर निगम काशीपुर सीमान्तर्गत चलित ई-रिक्शा के विनियमन की उपविधि 2025 प्रकाशित की गयी है।

 

 

नदीम को उपलब्ध उपविधि की प्रति के अनुसार नगर निगम सीमान्तर्गत अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) अधिकारी से अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) प्राप्त किये बगैर कोई ई-रिक्शा नहीं चलाया जा सकता है।

 

 

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इस उपविधि में लाइसेंसधारी पर अन्य प्रतिबंधों के साथ यह भी प्रतिबंध लगाया गया हैं कि लाइसेंस धारी न ही किसी निषेध द्रव का प्रयोग करेगा ना ही ई-रिक्शा में बैठने वाली सवारी को ऐसा प्रयोग करने देगा, किसी भी प्रकार का मद्यपान जिसमें एल्कोहल हो का प्रयोग अथवा सेवन नहीं करेगा। इस प्रतिबंध के कारण न केवल ई-रिक्शा चलाने वाले के नशा करने पर प्रतिबंध लगाया गया है बल्कि ई-रिक्शा की सवारी पर भी ऐसे व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाया गया है।

 

 

नदीम को उपलब्ध उपविधि (बाॅयलाज) के अनुसार लाइसेंस की नियम व शर्तों में ई-रिक्शा सुदृढ़ एवं चालू अवस्था में होना, ई-रिक्शा चालक की आयु 18 से 60 वर्ष होना, चालक का स्वस्थ होना व किसी भी संक्रामक बीमारी से ग्रस्त न होना, यातायात विभाग द्वारा चिन्हित मार्ग पर ही ई-रिक्शा चलाना, ऐसा न करने पर रिक्शा जब्तीकरण की कार्यवाही करना,

 

 

आर टी ओ से चालक का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना, अनाधिकृत पकड़े जाने पर ई-रिक्शा चालाक पर 25 रू प्रति दिवस के अतिरिक्त रू. 25 प्रति अर्थदंड देना होगा तथा समस्त ई-रिक्शा चालकों के पास वैध पहचान पत्र (ठेकेदार द्वारा) होना अनिवार्य है। बाॅयलाज में स्पष्ट किया गया हैं।

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प्रत्येक लाइसेंस प्रति वर्ष 01 अप्रैल से 31 मार्च के लिये मान्य होगा। आगामी वित्तीय वर्ष हेतु 31 मार्च से पूर्व रू. 500 का नवीनीकरण शुल्क भुगतान करके नवीनीकरण कराया जाना अनिवार्य होगा। 31 मार्च के बाद नवीनीकरण करने पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त नवीनीकरण शुल्क देना होगा।

 

 

उपविधि में पहचान पत्र ठेकेदार द्वारा दिया जाना तथा प्रतिमाह आर0टी0ओ0 आफिस से रजिस्ट्रेशन होते ही निगम में रजिस्ट्रेशन करवाकर ठेकेदार लिस्ट को अद्यतन कर नगर निगम को उपलब्ध करवायेगा का प्रावधान है।

 

 

इसमें स्पष्ट होता हैं कि इसमें प्राइवेट ठेकेदार की भूमिका रहेगी। ठेकेदार क्या कार्य करेगा इसका पहचान पत्र देने के अतिरिक्त कोई उल्लेख बाॅयजाल में नहीं है जबकि लाइसेंस धारक के प्रतिबंधों के पैरा 9 में न्यूनतम बोलीदाता को ठेका देना तथा 10 में बोलीदाताओं को नीलामी/निविदा से पूर्व नगर निगम के सभी अनुभागों से अदेयता प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य होने का प्रावधान है।

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उपविधि में प्रावधान है कि लाइसेंस अधिकारी द्वारा लाइसेंस को निलम्बित या रदद करने या अन्य इस उपविधि से संबंधित आदेश के विरूद्ध आदेश की तिथि से 15 दिन के अन्दर प्रतिवेदन नगर आयुक्त के नाम प्रेषित किया जा सकता है। जिसमें नगर आयुक्त का निर्णय अन्तिम व सर्वमान्य होगा, यदि नगर आयुक्त आवश्यक समझे तो प्रकरण बोर्ड को संदर्भित किया जा सकता है जिसमें बोर्ड का निर्णय अंतिम व बाध्यकारी होगा।

 

 

 

 

उपविधि का उल्लंघन करने पर रू. 1000/- का अर्थदंड लिया जा सकता है। यदि उल्लंघन जारी रहे तो प्रथम अभियोग के पश्चात रूपये 200 प्रति दिवस अधिकतम 5 हजार रूपये अतिरिक्त अर्थदण्ड देय होगा।

 

 

 

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