बिग ब्रेकिंग–मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में खनन निदेशक राजपाल लेघा ने खनन नीति के तहत 875 करोड़ के सापेक्ष अब तक करवाई 1025 करोड़ की वसूली, पारदर्शी खनन नीति के चलते विभाग ने राजस्व वसूली का बनाया नया कीर्तिमान…

उत्तराखंड/देहरादून–
प्रदेश की लोकप्रिय धामी सरकार ने पारदर्शी खनन नीति के तहत पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए राजस्व वसूली में कीर्तिमान स्थापित किया है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में 875 करोड रुपए के राजस्व वसूली के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक विभाग ने 1025 करोड़ का राजस्व वसूल लिया है जबकि अभी चालू वर्ष के आंकड़े आने शेष है।
देहरादून समेत उत्तराखंड के खनन विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड राजस्व वसूली की है।
पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में ही विभाग ने 270 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाकर पिछले तीन सालों के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
पिछले वर्षों की तुलना में यह 53% अधिक है: 2022-23 में 136.18 करोड़, 2023-24 में 177.27 करोड़, और 2024-25 की पहली तिमाही में 270 करोड़।
पूरे वित्तीय वर्ष के लिए विभाग को 875 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था, जिसके मुकाबले अब तक 1025 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है।
राजस्व वृद्धि का श्रेय पारदर्शी और ऑनलाइन खनन पट्टा आवंटन, ई-निविदा, ई-नीलामी, और अवैध खनन पर सख्त नियंत्रण को दिया गया है।
सरकार की रणनीति:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में खनन नीति को सरल और पारदर्शी बनाया गया है। अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर प्रवर्तन दलों के जरिए सख्त कार्रवाई की जा रही है।
चार प्रमुख जिलों (देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल) में निविदा के माध्यम से कंपनियों को राजस्व वसूली की जिम्मेदारी दी गई है।
शासन की ओर से खनन की जो पारदर्शी और डिजिटल प्रणाली अपनाई गई है उसी का परिणाम है कि विभाग और रिकॉर्ड राजस्व वसूली कर पाया है अवैध खनन और अवैध भंडारण पर लगातार कड़ी कार्रवाई भी की जा रही है।