बिग ब्रेकिंग–नैनीताल जिला पंचायत चुनाव के ‘रेनकोट कांड’ पर हाईकोर्ट में तीखी सुनवाई, पांच सदस्य जवाबों में उलझे…
नैनीताल जिला पंचायत चुनाव से जुड़े कथित ‘रेनकोट कांड’ मामले की सुनवाई आज हाईकोर्ट की डबल बेंच के सामने हुई, जहां अदालत ने पांच जिला पंचायत सदस्यों और सीबीसीआईडी की जांच अधिकारी से कई तीखे सवाल पूछे।
सुनवाई के दौरान डीकर मेवाड़ी, तरुण शर्मा, विपिन जंतवाल, दीपक बिष्ट और प्रमोद कोटलिया अदालत के सामने उपस्थित रहे। हाईकोर्ट ने एफिडेविट खरीदने और उसके स्रोत को लेकर कठोर प्रश्न पूछे, जिनका वे स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। अदालत ने पूछा कि “एफिडेविट कहां से और किसने खरीदे?” लेकिन पांचों सदस्य इस बुनियादी सवाल का संतोषजनक उत्तर देने में विफल रहे।
सदस्यों की ‘पुरानी जान-पहचान’ पर भी सवाल
अदालत ने सदस्यों से पूछा कि वे एक-दूसरे को कब से जानते हैं। किसी ने कॉलेज चुनाव के समय से पहचान बताई, तो किसी ने गांवों के रास्ते साझा होने का हवाला दिया। एक-दो सदस्यों ने आपसी रिश्तेदारी का भी जिक्र किया। कोर्ट ने यह भी पूछा कि “क्या आप एक-दूसरे के घरवालों को भी जानते हैं?”
‘नेपाल यात्रा’ पर डीकर मेवाड़ी से दो-टूक सवाल
डबल बेंच ने जिला पंचायत सदस्य डीकर मेवाड़ी से Nepal यात्रा को लेकर कड़े सवाल किए।
मेवाड़ी ने प्रारंभ में कहा कि चुनाव के बाद वे नेपाल नहीं गए।
इस पर अदालत ने पूछा— “क्या चुनाव नतीजे आने के बाद नेपाल गए थे?”
तब मेवाड़ी ने स्वीकार किया कि वे दोस्तों के साथ घूमने नेपाल गए थे।
सीबीसीआईडी जांच अधिकारी पर कोर्ट सख्त
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सीबीसीआईडी की जांच अधिकारी से भी मामले की प्रगति और कई महत्वपूर्ण तथ्यों पर सवाल किए। संतोषजनक उत्तर न मिलने पर अदालत ने नाराज़गी व्यक्त की। चीफ जस्टिस ने जांच अधिकारी से तीखे स्वर में कहा—
“सस्पेंड होने के लिए तैयार हो जाओ।”
रामनगर पहुंचने को लेकर उठा बड़ा सवाल
अदालत ने यह भी पूछा कि जब रेनकोट पहने व्यक्ति द्वारा एक सदस्य को उठाया जा रहा था, तब बाक़ी साथियों ने उसे बचाने की कोशिश क्यों नहीं की। साथ ही यह भी पूछा कि पांचवां जिला पंचायत सदस्य अचानक रामनगर कैसे पहुंच गया।
कुल मिलाकर, हाईकोर्ट की आज की सुनवाई ने पूरे मामले को नया मोड़ दे दिया है। सदस्यों और जांच अधिकारी दोनों के अस्पष्ट उत्तरों ने अदालत की नाराज़गी बढ़ा दी है। आगे की सुनवाई अब पूरे मामले की दिशा तय करेगी।
