बिग ब्रेकिंग–मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘मेरी योजना’ पुस्तकों और पोर्टल का किया शुभारंभ, योजनाओं की जानकारी अब होगी और अधिक सुलभ…

देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को आईआरडीटी ऑडिटोरियम, सर्वे चौक में आयोजित कार्यक्रम में कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा विकसित ‘मेरी योजना’ पुस्तकों का लोकार्पण किया। इसी अवसर पर उन्होंने मेरी योजना पोर्टल उत्तराखण्ड (myscheme.gov.in) की शुरुआत भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मेरी योजना’, ‘मेरी योजना–राज्य सरकार’ और ‘मेरी योजना–केंद्र सरकार’—इन तीनों संस्करणों के माध्यम से राज्य का हर नागरिक केंद्र तथा राज्य सरकार की सभी योजनाओं की पूरी जानकारी सरलता से प्राप्त कर सकेगा और पात्रता अनुसार लाभ भी उठा सकेगा। उन्होंने इसे योजनाओं को जनता तक समयबद्ध और प्रभावी ढंग से पहुंचाने की दिशा में एक सराहनीय कदम बताया।
श्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पारदर्शिता, जवाबदेही और जनकेंद्रित शासन का नया अध्याय शुरू हुआ है। डीबीटी के माध्यम से आज विभिन्न लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंचाए जा रहे हैं। राज्य सरकार भी सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और संतुष्टि के मंत्र पर कार्य करते हुए जनसमस्याओं के त्वरित समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि समाज कल्याण विभाग की सभी पेंशन योजनाओं की धनराशि अब सीधे पात्र व्यक्तियों के बैंक खातों में भेजी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल और हवाई कनेक्टिविटी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है। साथ ही ‘वोकल फॉर लोकल’, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसी पहलों के माध्यम से राज्य को विकसित उत्तराखण्ड की दिशा में तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य चल रहा है।
उन्होंने बताया कि ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना से स्थानीय आजीविका को बल मिल रहा है। ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड ने पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय–अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई है। इसके साथ ही ‘स्टेट मिलेट मिशन’, ‘फार्म मशीनरी बैंक’, ‘एप्पल मिशन’, ‘नई पर्यटन नीति’, ‘नई फिल्म नीति’, ‘होम स्टे’, ‘वेड इन उत्तराखण्ड’ और ‘सौर स्वरोजगार योजना’ जैसी पहल आर्थिक मजबूती की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही हैं।
मुख्यमंत्री ने अपील की कि विभिन्न कार्यक्रमों में दिए जाने वाले स्मृति चिन्हों के रूप में राज्य में निर्मित स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दी जाए, जिससे कारीगरों, मातृ शक्ति और हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहन मिल सके। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी देशभर में होने वाली मुलाकातों और आयोजनों में उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पाद ही भेंट स्वरूप प्रदान करते हैं।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल, सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन श्री दीपक कुमार, विधायक श्री खजान दास, सेतु आयोग के उपाध्यक्ष श्री राजशेखर जोशी सहित जनप्रतिनिधि और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
