बिग ब्रेकिंग– पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बैठे धरने पर, अंकिता हत्याकांड के सीबीआई जांच की मांग हैं वजह..
देहरादून– पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई जांच और वीआईपी नाम के खुलासे की मांग को लेकर गांधी पार्क में 24 घंटे धरने पर बैठे।
उन्होंने कहा कि सरकार वीआईपी को रिजॉर्ट का कक्ष बताने वाले बयान को वापस ले। उन्होंने अनामिका मामले में सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल करने की मांग की।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अंकिता हत्याकांड मामले में जनता सवालों का ज़बाब चाहती हैं कि रिजोर्ट में बुलडोजर किसके आदेशों पर चलाया गया। रिजोर्ट सील क्यों नहीं किया गया। रिजोर्ट पर पुलिस प्रशासन की मौजूदगी के बाद आग कैसे लगी।
हरीश रावत के धरना देते ही सरकार के तीन मंत्रियों ने उन पर हमला बोल दिया। सुबोध उनियाल ने कहा कि रावत के पास कोई काम नहीं है समय काटने के लिए उन्हें कुछ न कुछ करना ही है। धरना देना हरीश की अब पुरानी आदत और राजनीति का एक हिस्सा बन चुका है।
चंदन राम दास ने कहा कि हरीश रावत न्यायालय की प्रक्रिया को बाधा पहुंचाने के लिए छोटी छोटी बातों को लेकर सड़क और चोहराओ पर बैठ रहे हैं। रावत को देश और प्रदेश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा नहीं है।
रेखा आर्या ने भी कहा कि हरीश रावत बयान देते हैं, धरने पर बैठते हैं परंतु चुनाव जीतते कभी नहीं। उनका धरना प्रदर्शन मीडिया में छाए रहने का मात्र माध्यम है।