बिग ब्रेकिंग–उत्तराखंड के माणा गांव में ग्लेशियर टूटने से भारी हिमस्खलन, तबाही, 57 मज़दूरों में से 16 को किया रेस्क्यू…

उत्तराखंड के माणा गांव में ग्लेशियर के टूटने से भारी हिमस्खलन हुआ है। जिसके चलते बीआरओ कैंप को भी काफी नुकसान पहुंचा है। मौके पर बीआरओ कैंप में लगभग 57 मजदूरों मौजूद थे। जिनमें से 16 को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाल लिया गया है। सेना व आईटीबीपी द्वारा रेस्क्यू कार्य लगातार जारी है।
घटना पर सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुख जताया है। अब तक बर्फ में दबे 16 मजदूरों को निकाला जा चुका है। तीन मजदूरों को गंभीर हालत में सेना चिकित्सालय भेजा गया है।
ये सभी माणा से माणा पास तक 50 किमी क्षेत्र में हाइवे चौड़ीकरण डामरीकरण के कार्य में लगी कंपनी के मजदूर हैं। इस सड़क का कार्य ईपीसी कंपनी के माध्यम से बीआरओ करा रही है।
रेस्क्यू में जुटी सेना व आईटीबीपी
सीमा सड़क संगठन के कैंप के पास भारी हिमस्खलन हुआ है। तीन मजदूरों को गंभीर हालत में सेना चिकित्सालय भेजा गया है। सेना व आईटीबीपी रेस्क्यू में जुटी है। हनुमान चट्टी से आगे हाइवे बंद है।
हाइवे बंद होने के कारण वो रास्ते में फंसी एसडीआरएफ व एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व एनडीआरएफ मौके के लिए रवाना हुई है, लेकिन हाइवे बंद होने के कारण वो रास्ते में ही फंसे हैं। जिलाधिकारी डा संदीप तिवारी ने कहा 57 मजदूरों के माणा पास क्षेत्र में होने की सूचना है।
घटना पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुख जताया है। उन्होंने कहा कि ‘जनपद चमोली में माणा गांव के निकट बीआरओ द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन की वजह से कई मजदूरों के दबने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। आईटीबीपी, बीआरओ और अन्य बचाव दलों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जा रहा है। भगवान बदरी विशाल से सभी श्रमिक भाइयों के सुरक्षित होने की प्रार्थना करता हूं।’
जनपद चमोली में माणा गांव के निकट BRO द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन की वजह से कई मजदूरों के दबने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ।
आईआरएस से जुड़े अधिकारी अलर्ट पर, वहीं चमोली जनपद में हो रही बारिश और बर्फबारी को देखते हुए जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने आईआरएस से जुड़े अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।