उत्तराखंड–नष्ट होने के पहले यह दुनिया आपके बताए रास्ते पर एक दिन लौटेगी ज़रूर, बापू आप व्यक्ति नहीं, विचार थे और विचार को मारने वाला गोड़से कभी पैदा नहीं हो सकता–मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी।
मनुष्य-विरोधी पूंजीवादी शासन-व्यवस्था से संवेदनशील और जनप्रतिबद्ध शासन-व्यवस्था की ओर. सत्ता के केंद्रीकरण से पंचायती राज व्यवस्था की ओर. विलासिता से सच्चरित्रता की ओर. दृष्टिहीन उपभोक्तावाद से सादगी की ओर. हिंसा की बर्बरता से अहिंसा की संवेदना की ओर. बर्बर भीडतंत्र से सत्याग्रह की ओर. मिथ्या से सत्य की ओर. अंधाधुंध औद्योगीकरण से कुटीर उद्योग की ओर. पूंजी के गौरव से श्रम के सम्मान की ओर. गलाकाट प्रतिद्वंदिता से परस्पर सहयोग की ओर. सांप्रदायिकता से भाईचारे की ओर. घृणा से प्रेम और करुणा की ओर. स्मार्ट सिटीज से सुन्दर और स्वावलंबी गांवों की ओर. विनाश की अंधी दौड़ से सार्थक निर्माण की ओर. नष्ट होने के पहले यह दुनिया आपके बताए रास्ते पर एक दिन लौटेगी ज़रूर, बापू आप व्यक्ति नहीं, विचार थे और विचार को मारने वाला गोड़से कभी पैदा नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री का भी स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने जय जवान जय किसान का नारा दिया। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और पद्म विभूषण श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें जय विज्ञान को जोड़ा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसमें जय अनुसंधान जोड़कर नये भारत का नारा ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़े के रूप में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजानदास भी उपस्थित थे।