शीतकाल के लिए कल बंद होंगे बाबा केदार के कपाट, पंचमुखी डोली ने किया मंदिर में प्रवेश, धाम में कपाट बंद करने की तैयारियां पूर्ण, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़…

खबर शेयर करें -

 

 

केदारनाथ: आध्यात्मिक आस्था और धार्मिक परंपरा के अद्भुत संगम श्री केदारनाथ धाम के कपाट कल बृहस्पतिवार, 23 अक्टूबर को प्रात: 8:30 बजे शीतकाल के लिए विधिपूर्वक बंद कर दिए जाएंगे। इससे पहले आज धाम में अन्नकूट महोत्सव के पावन अवसर पर भगवान श्री केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह डोली को गर्भगृह में विधिविधान के साथ विराजमान किया गया।

 

इस अवसर पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने धाम पहुंचकर कपाट बंदी की तैयारियों का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि कपाट बंद होने की समस्त व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली गई हैं।

यह भी पढ़ें:  बिग ब्रेकिंग–नैनीताल SSP ने की अपराध नियंत्रण पर हाई-फोकस मीटिंग, 25 पुलिसकर्मी सम्मानित...

 

डोली यात्रा की प्रक्रिया के तहत भगवान केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति को मंदिर भंडार कक्ष से बाहर लाया गया, पवित्र मंदाकिनी जल और पंचामृत से स्नान कराकर श्रृंगारित किया गया और फिर भव्य पूजा-अर्चना के पश्चात मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कराया गया। इस धार्मिक अनुष्ठान में मुख्य पुजारी बागेश लिंग, धर्माधिकारी ओंकार शुक्ला और वेदपाठी स्वयंवर सेमवाल सहित कई संतजन सम्मिलित हुए।

यह भी पढ़ें:  नैनीताल–सूरज ढलते ही अंधेरे में डूब जाती जिंदगी, नैनीताल के तीन सगे भाई दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी से जूझ रहे, नैनीताल से दिल दहला देने वाली कहानी...

 

इस पुण्य अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पंचमुखी डोली के दर्शन किए और “जय बाबा केदार” के जयघोष से सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय हो उठा। कल प्रात: कपाट बंद होने तक पंचमुखी डोली गर्भगृह परिसर में विराजमान रहेगी। इसके बाद यह रामपुर के लिए प्रस्थान करेगी, जहां भगवान की शीतकालीन पूजा संपन्न होगी।

यह भी पढ़ें:  बिग ब्रेकिंग–नैनीताल SSP ने की अपराध नियंत्रण पर हाई-फोकस मीटिंग, 25 पुलिसकर्मी सम्मानित...

 

कार्यक्रम में गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी अपने परिजनों सहित, प्रदेश के मुख्य सचिव आनंद वर्धन, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय, जिलाधिकारी प्रतीक जैन, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे तथा बीकेटीसी के कई पदाधिकारी व सदस्यगण उपस्थित रहे। धार्मिक श्रद्धा और प्रशासनिक समन्वय की अनूठी मिसाल इस अवसर पर देखने को मिली।

 

**जय

बाबा केदार!**

Ad Ad Ad